बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत एक दिवसीय दौरे पर बिलासपुर पहुंचे. जहां उन्होंने पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के बयान पर पलटवार किया है. अजय चंद्राकर ने ट्ववीट कर लिखा था कि, छत्तीसगढ़ में गोबर को राजकीय चिन्ह घोषित कर देना चाहिए. चंद्राकर के बयान पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि अजय चंद्राकर की मानसिक हालत ठीक नहीं है. इसलिए वो ऊल-जलूल बयानबाजी कर रहे हैं.
छत्तीसगढ़ में 'गोबर' पर मचा सिसासी संग्राम मंत्री अमरजीत भगत एक दिवसीय दौरे पर बिलासपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने छत्तीसगढ़ भवन में पूर्वमंत्री अजय चंद्राकर पर जमकर हमला बोला. अमरजीत भगत ने कहा कि अजय चंद्राकर की मानसिक हालत ठीक नहीं है, जब से सरकार गई है, तब से उनका मंत्री पद गया है. इस वजह से वो मंत्री पद खोने के बाद से विचलित हो गए हैं.
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छत्तीसगढ़ में गोबर का बहुत सम्मान है
खाद्य मंत्री ने कहा कि अजय चंद्राकर इन दिनों गोवर को लेकर ऊल जलूल बयानबाजी कर रहे हैं.वो प्रदेश की संस्कृति है. गाय और गोबर का बहुत सम्मान है, कोई भी अनुष्ठान गाय के गोबर के बिना पूरा नहीं होता.
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गौठान को लेकर बीजेपी के पेट में क्यों हो रहा है दर्द
अमरजीत ने कहा कि भूपेश सरकार ने गायों के लिए गौठान को लेकर काम कर रही है, तो इनके पेट में दर्द हो रहा है. अमरजीत ने आगे कहा कि चंद्राकर अपने आप को छत्तीसगढ़िया मानते हैं, तो इसका सपोर्ट करना चाहिए. वहीं एक सवाल के जवाब में मंत्री भगत ने कहा कि धान संग्रहण केंद्रों में रखा धान न भींगे, यह अधिकारियों की जवाबदारी है. अगर इसमें कहीं चूक होती है, तो संबंधितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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गोबर को राजकीय प्रतीक चिन्ह बना देना चाहिए: अजय चंद्राकर
बता दें कि, छत्तीसगढ़ में "गोधन न्याय योजना" को लेकर सियासत उबाल पर है. छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने किसानों की आए बढ़ाने, मवेशियों को गौठानों में रखने के लिए और रोका-छेका अभियान को सफल बनाने के लिए गोबर खरीदने का ऐलान किया है, लेकिन लगता है ये बात बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर को रास नहीं आई और उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि 'छत्तीसगढ़ के वर्तमान राजकीय चिन्ह नरवा, गरुवा, घुरवा, बारी की अपार सफलता और छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में "गोबर" के महत्व को देखते हुए इसे राजकीय प्रतीक चिन्ह बना देना चाहिए'. इसके बाद कांग्रेस-बीजेपी नेताओं में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है.