मार्शल आर्ट में अल्फिशा शेख ने जीता राष्ट्रीय मैडल, पिता के सानिध्य और बताए गुर ने दिलाई सफलता
Alfisha Shaikh बिलासपुर शहर में रहने वाली 11 वर्षीय बच्ची अल्फिशा शेख ने शहर सहित प्रदेश का मान बढ़ाया है. आईए जानते हैं वो कौन सा कारनामा है जिसके बाद अब अल्फिशा का नाम हर जगह छाया हुआ है.National Pencak silat martial art Competition
बिलासपुर : एक पुरानी कहावत है कि पूत के पांव पालने में ही दिखने लगते हैं.यानी कोई बच्चा आगे चलकर क्या बनेगा,ये उसकी परवरिश तय कर सकती है.ठीक ऐसे ही बिलासपुर की रहने वाली अल्फिशा शेख को उसके अब्बू और अम्मी ने वो तालीम दी,कि आज उसका नाम पूरे जहान में रोशन हो रहा है.बिलासपुर की बेटी ने छोटी सी उम्र में वो कारनामा कर दिखाया है,जिसे करने में अच्छे अच्छो के पसीने छूट जाए.
क्यों मशहूर हो रही हैं अल्फिशा ? :अल्फिशा शेख ने 11वीं राष्ट्रीय पेंचक सिलाट मार्शल आर्ट प्रतियोगिता में ब्रांज जीता है.ये पदक अल्फिशा ने नाम सब-जूनियर 36 से 38 किलो वजन की कैटेगिरी में आया.अल्फिशा पिछले दो साल से अपने पिता से मार्शल आर्ट के गुर सीख रहीं हैं.अल्फिशा के पिता शेख समीर खुद भी मार्शल आर्ट में माहिर है.इसलिए उन्होंने अपने जिगर के टुकड़े को भी खुद सा मजबूत बनाया है. किसी भी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अल्फिशा की ये पहली सफलता है. अब अल्फिशा का लक्ष्य इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म में अपनी पहचान बनाना है.
2 साल की कड़ी मेहनत का परिणाम :अल्फिशा शेख अभी 11 साल की है. पिछले 2 साल से अल्फिशा ने मार्शल आर्ट का खेल खेलना शुरु किया.धीरे-धीरे करके अल्फिशा इसमें इतनी माहिर हो गई कि आज राष्ट्रीय प्रतियोगिता में सभी को अपना लोहा मनवाया. अल्फिशा के पिता भी मार्शल आर्ट के खिलाड़ी हैं. अल्फिशा उनसे ही इस खेल के गुण सीख रही है पिता उसे पूरे समय खेल के गुण और अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए उसे छोटी-बड़ी बातें बताते हैं. अल्फिशा शेख ने बताया कि इस प्रतियोगिता में उसको भले ही गोल्ड मेडल नहीं मिला लेकिन टूर्नामेंट में उसे वो दांव पेच सीखने का मौका मिला,जिसे वो नहीं जानती थी.
हर लड़की को मार्शल आर्ट सीखना जरुरी :अल्फिशा शेख के कोच और उसके पिता समीर शेख ने बताया कि उनकी बेटी हमेशा ही एक अच्छी खिलाड़ी की तरह प्रदर्शन करती रही है. वह अपने खेल में इतनी रम जाती है कि जीतने के लिए पूरा दम लगाती है. मार्शल आर्ट कोच समीर शेख ने कहा कि मार्शल आर्ट में कई तरह की विधा होती.हर विधा अपने आप में काफी कठिन और अत्यधिक मेहनत करने वाली है. इस विधा में पारंगत होने लोग मार्शल आर्ट में माहिर होते हैं. मार्शल आर्ट में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान के साथ शरीर को मजबूती मिलती है.खासकर लड़कियों को मार्शल आर्ट के गुर जरुर सीखने चाहिए.