बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में हाल ही में बिलासपुर को हवाई सुविधा मिली है. पिछले तीन साल से चल रहे संघर्ष के बाद बिलासपुर को हवाई सेवा नसीब तो हुई, लेकिन आधी-अधूरी. क्योंकि बिलासपुर एयरपोर्ट को 4सी कैटगिरी(4C category to Bilaspur airport) के हिसाब से तैयार किया गया है. सुविधाओं की कमी के कारण 3 सी सेवा ही यहां लागू है. 4 सी कैटेगिरी के लिए किसी भी एयरपोर्ट में रात्रिकालीन विमान लैंडिंग की सुविधा जरूरी है. बिलासपुर में रात्रिकालीन लैंडिंग सुविधा (Night Landing Facility at Bilaspur) के लिए और ज्यादा जमीन की जरूरत है. इसके लिए कुछ निजी और कुछ सेना की हिस्से की जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी को लेनी होगी. अभी तक इस जमीन के लिए राज्य सरकार ने सेना को प्रपोजल नहीं भेजा है. इस कारण मामला अधर में लटका है.
4 सी कैटेगिरी की मांग पूरी करने के लिए एक बार फिर हवाई सेवा नागरिक जन संघर्ष समिति ने मोर्चा खोला है. इसके लिए समिति अब धरना-प्रदर्शन कर रही है. समिति का कहना है कि किसी और की गलती की सजा जनता को भुगतनी पड़ रही है. ऐसे में कसूरवार कौन है, इस बात की जानकारी केंद्र या राज्य दोनों को ही देनी होगी.
3 साल संघर्ष के बाद शुरू हुई हवाई सेवा
पिछले 3 साल से बिलासपुर को हवाई मार्ग से जोड़ने के लिए हवाई सेवा नागरिक जन संघर्ष समिति आंदोलन (Air Service Nagrik Jan Sangharsh Samiti movement) कर रही है. समिति शहर के राघवेंद्र राव सभा भवन के सामने शनिवार और रविवार को धरना-प्रदर्शन करती है. बिलासपुर के बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट में एक मात्र विमान की सुविधा ही शुरू हो पाई है, जबकि एयरपोर्ट 24 घंटे में 23 घंटे खाली रहता है. ऐसा नहीं है कि यहां यात्रियों की कमी है.
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बिलासपुर में कई बड़े निजी संस्थान, यात्रियों की नहीं है कमी...
बिलासपुर में साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे जोन (South East Central Railway Zone) का मुख्यालय है. साउथ ईस्टर्न कोल कोलफिल्ड्स लिमिटेड (South Eastern Coal Coalfields Limited) के मुख्यालय, हाइकोर्ट और कई बड़े निजी संस्थान हैं. इन संस्थानों से रोजाना दिल्ली, कलकत्ता, मुम्बई और देश के कई बड़े महानगरों तक जाने के लिए यात्रियों की बड़ी संख्या है. लेकिन इस एयरपोर्ट में केवल दिन में ही विमान लैंड कर सकता है, क्योंकि नाइट लैंडिंग की सुविधा अभी तक यहां शुरू नहीं हो सकी है. हवाई सेवा नागरिक जन संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि पिछले दिनों सर्वे करने के बाद रिपोर्ट देने पर भी विस्तार को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार ध्यान नहीं दे रही है. 3 साल से चल रहे आंदोलन के बाद एक ही विमान की सुविधा मिली है, जबकि नाइट लैंडिंग के लिए एयरपोर्ट विस्तार की आवश्यकता है.