बिलासपुरःरेलवे कोविड हॉस्पिटल (Railway covid Hospital bilaspur) के 50 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ ने रेलवे प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. प्रबंधन के फरमान को लेकर नर्सिंग स्टाफ नाराज है. उन्होंने मामले की शिकायत केंद्रीय रेल मंत्री से भी की है.
50 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ ने रेलवे प्रबंधन के खिलाफ खोला मोर्चा बीते एक साल से रेलवे हॉस्पिटल में कोविड ड्यूटी में लगे 50 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ को प्रबंधन ने अचानक हॉस्टल खाली करने और एचआरए सहित टीए-डीए अलाउंस का रिकवरी करने का फरमान जारी किया है. इसमें बीते महीने के वेतन से इसकी कटौती भी शुरू कर दी गई है. जबकि नर्सिंग स्टाफ की माने तो उन्हें जब काम पर रखा गया था, तब हॉस्टल, रहने खाने और ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी साथ में प्रदान की गई थी.
हॉस्टल खाली करने का फरमान
नर्सिंग स्टाफ करीब 1 साल तक कंटिन्यू कोविड ड्यूटी किया. लेकिन अब अचानक हॉस्टल खाली करने और सालभर के अलाउंस का रिकवरी करने का फरमान प्रबंधन ने जारी कर दिया है. नर्सिंग स्टाफ का कहना है, कोविड के मामले कम होने के बाद प्रबंधन अपनी मनमानी कर नर्सिंग स्टाफ पर ज्यादती कर रहा है. इस स्थिति में उन्हें हॉस्टल खाली करने पर दबाव बनाया जा रहा है. उनका कहना है कि कोविड ड्यूटी में होने के कारण दूसरे जगह पर रेंट का मकान भी मिलना मुश्किल है. य
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प्रबंधन की मनमानी
साल भर वेतन देने के बाद अब अचानक अलाउंस की रिकवरी भी प्रबंधन की मनमानी का नतीजा है. जबकि इसे लेकर प्रबंधन ने पहले ऐसी कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की थी, जब वे सालभर तक ड्यूटी कर रहे थे. नर्सिंग स्टाफ ने अब केंद्रीय रेल मंत्री को पत्र लिखकर मामले में संज्ञान लेने व प्रबंधन की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की है.