बिलासपुर:शहर में 42वां रावत नाच महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. इस आयोजन से एक बार फिर प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी बिलासपुर के लाल बहादुर शास्त्री स्कूल प्रांगण में लोक संस्कृति की छटा दिखी. एक साथ हजारों यदुवंशियों की टोली ने अपने नृत्य और शौर्य का प्रदर्शन कर वहां मौजूद लोगों का दिल जीत लिया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर राज्य के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत शामिल हुए. साथ ही विधायक शैलेश पांडे, तखतपुर विधायक रश्मि सिंह, समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने कार्यक्रम में शिरकत की.
बिलासपुर में 42वें रावत नाच महोत्सव का आयोजन, देखिए कुछ झलकियां - संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत
शनिवार को शहर में रावत नाच महोत्सव का आयोजन किया गया. महोत्सव में रावतों की कई टोलियां शामिल हुईं. कार्यक्रम में अतिथियों समेत समाज के पदाधिकरी मौजूद रहे.
महोत्सव में रावत की टोली विशेष वेशभूषा में पहुंची हुई थी. टोलियों में शामिल यदुवंशी पैरों में घुंघरू, हाथ में तेंदू की लाठी, आकर्षक रंगीन धोती ,विशेष तरह की पगड़ी के साथ शौर्य दिखाते नजर आए. इस बीच रावतों ने कई पंक्तियों को अपनी शैली में गाकर सामाजिक संदेश दिया. देर रात तक हजारों की तादाद में लोग रावत नाच का लुफ्त उठाते नजर आए. बिलासपुर में होने वाला यह आयोजन देश का सबसे बड़ा रावतों का संगठित आयोजन है.
पखवाड़े भर उत्सव मनाते हैं यदुवंशी
बिलासपुर में रावत नाच महोत्सव की शुरुआत साल 1978 में हुई थी. तब से अब तक ये परंपरा चली आ रही है. दीपावली के बाद तमाम यादुवंशी पखवाड़े भर उत्सव मनाते हैं. इस बीच वो मवेशियों के काम से दूर रहते हैं. वे टोलियों में समाज के तमाम उन लोगों मिलते हैं, जिनसे उनका रोज का मिलना जुलना होता है. यदुवंशियों की टोली घर-घर जाकर नृत्य करते हैं और उस घर से उन्हें सम्मान स्वरूप उपहार दिया जाता है.