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CIMS में 316 कर्मचारियों ने काम किया बंद, हड़ताल से चरमराई अस्पताल की व्यवस्था

सिम्स मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी सोमवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए. वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर कर्मचारियों ने ये हड़ताल किया है.

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CIMS के खिलाफ कर्मचारियों का हल्लाबोल

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Published : Aug 23, 2021, 4:59 PM IST

बिलासपुर: सिम्स मेडिकल कॉलेज (Chhattisgarh Institute of Medical Sciences) के थर्ड और फोर्थ क्लास के कर्मचारी वेतन वृद्धि की मांग (Salary Hike Demand) को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए. प्रबंधन ने ठेके के कर्मचारियों की व्यवस्था की है, लेकिन ये व्यवस्था आज के लिए ही है. अब आगे की क्या व्यवस्था होगी. इसका जवाब प्रबंधन के पास नहीं है.

316 कर्मचारियों के हड़ताल चले जाने से काम हुआ ठप
दरअसल, बिलासपुर संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल सिम्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल है. यहां के तृतीय और चतुर्थ वर्ग के 316 कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से व्यवस्थाएं अस्त व्यस्त हो गई है. तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की मांग है कि उनकी वेतन में वृद्धि की जाए.

वहीं कर्मचारी संघ का कहना है कि वह पिछले 8 साल से सिम्स मेडिकल कॉलेज में काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी वेतन वृद्धि रोक दी गई है. इससे पहले भी कर्मचारी संघ ने प्रबंधन से इस विषय पर चर्चा की थी, लेकिन प्रबंधन का कहना है कि अभी जांच चल रही है. सिम्स प्रबंधन ने कहा है कि भर्ती में घोटाला हुआ है इसलिए जांच के दायरे में सभी 316 कर्मचारी हैं. यही कारण है कि उनकी वेतन वृद्धि रोकी गई है.

भर्ती स्कैम: जांच घेरे में कर्मचारी
वहीं, कर्मचारी संघ के लोगों का कहना है कि, इस भर्ती स्कैम में जो कर्मचारी शामिल हैं. उनका नाम सार्वजनिक करें और जिनके खिलाफ मामला बनता है उन्हें छोड़कर बाकी कर्मचारियों की वेतन वृद्धि की जाए. वेतन वृद्धि की मांग को लेकर सिम्स के 316 तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. इसे देखते हुए सिम्स प्रबंधन द्वारा कुछ कार्य के लिए ठेकेदार के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई. वहीं स्टाफ नर्स की सीएमएचओ से मांग की गई है.

'अनिश्चितकालीन हड़ताल रहेगा जारी'
सिम्स की पीआरओ डॉक्टर आरती पांडे ने बताया कि सिम्स के 316 कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे. जिसके चलते ब्लड बैंक, ओटी, कैजुअल्टी, जांच लैब सहित ऑपरेशन से लेकर ओपीड तक प्रभावित हो सकती है. अस्पताल में 7 सौ मरीजों को किसी तरह की समस्या ना हो. इसे देखते हुए एक दिन पहले ही सभी विभागाध्यक्ष प्रबंधन अधिकारियों और नरसिंह इंचार्ज के साथ मेडिकल कॉलेज के डीन से चर्चा हुई है.

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