बीजापुर: सुकमा और बीजापुर के सरहदी इलाके में बसा धुर नक्सल प्रभावित गांव सिलगेर एक बार फिर सुलग उठा है. यहां सिलगेर फायरिंग कांड के एक साल पूरे होने पर हजारों की संख्या में ग्रामीण जुटे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. गांव वालों ने सिलगेर से पुलिस कैंप हटाने की मांग की है. 17 मई 2021 को सिलगेर में पुलिस और ग्रामीणों में संघर्ष की स्थिति पैदा हुई. इसमें पुलिसवालों ने गोली चला दी. जिसमें कथित रूप से तीन लोगों की मौत की बात सामने आई. जबकि 1 की भगदड़ में मौत हुई थी. गांव वाले इसका ही विरोध कर रहे हैं. पुलिस ने मारे गए लोगों को नक्सली बताया था.
ग्राम सभा के बिना अनुमति के कैंप खोलने का आरोप:सिलगेर कांड के एक साल पूरे होने पर यहां ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने रैली निकाली और जनसभा का आयोजन किया. इस सभा को सीपीआई के पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने संबोधित किया. लोगों ने यहां शहीद स्मारक पर फूल चढ़ाए और इस घटना के शहीदों को याद किया. मनीष कुंजाम ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए बस्तर के आदिवासियों के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया. मनीष कुंजाम ने सरकार पर पांचवीं अनुसूची के उल्लंघन का आरोप भी लगाया. उन्होंने 25 मई को पैदल मार्च करने की बात कही.
सिलगेर कांड में जांच की मांग: यहां प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने सरकार से सिलगेर फायरिंग के घटना की जांच की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि गोली कांड को हुए 1 साल पूरे हो गए हैं. पीड़ितों के परिवारवालों को मुआवजा नहीं दिया गया. सिलगेर में बीते एक साल से आंदोलन चल रहा है ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. एक बार फिर सिलगेर कांड की बरसी पर लोगों ने सरकार के खिलाफ हुंकार भरी है.