बीजापुर: छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति से प्रभावित होकर दो नक्सलियों ने लाल आतंक को रास्ता छोड़ दिया है. दोनों नक्सलियों ने राज्य सरकार की नक्सल उन्मूलन और पुनर्वास नीति पर भरोसा जाहिर किया है. सरेंडर करने वाले माओवादियों में मिलिशिया सदस्य मंगू नुप्पों और हड़़मा नुप्पो शामिल है. दोनों ने नक्सलियों के कैडर पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
Surrender Of Naxalites In Bijapur: बीजापुर में नक्सलियों के खिलाफ जंग में सुरक्षाबलों को सफलता, दो माओवादियों ने किया सरेंडर - मंगू नुप्पो
Surrender Of Naxalites In Bijapur बीजापुर में लाल आतंक के खिलाफ जंग में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हासिल हुई है. दो नक्सलियों ने बीजापुर पुलिस के सामने सरेंडर किया है. दोनों मिलिशिया सदस्य बताए जा रहे हैं.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Sep 9, 2023, 10:01 PM IST
नक्सलियों के कैडरपर लगाए गंभीर आरोप: पुलिस के सामने सरेंडर करने वाले दोनों नक्सलियों ने पुलिस के सामने बताया है कि वह माओवादी विचारधारा से परेशान थे. इसके अलावा नक्सली मंगू नुप्पो और हड़़मा नुप्पो ने नक्सलियों के कैडर पर भेदभाव पूर्व व्यवहार करने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. इस वजह से दोनों माओवादियों ने इस हिंसा के रास्ते को छोड़ने का मन बनाया. नक्सली मंगू नुप्पो और हड़़मा नुप्पो ने बीजापुर एसपी आंजनेय वार्ष्णेय और दूसरे पुलिस अधिकारियों के सामने अपने हथियार डाले हैं.
इस तरह नक्सली संगठन से जुड़े दोनों माओवादी: पुलिस ने बताया कि मंगू नुप्पो साल 2009 में बाल संघम में शामिल हुआ था. उसके बाद वह नक्सली संगठन का हिस्सा बना. साल 2011 में वह नक्सलियों के सप्लाई कोर का हिस्सा बना. वह चावल, दाल इक्टठा करने का काम करने लगा. उसके बाद वह ग्रामीणों को नक्सलियों की टीम में भर्ती करने के लिए जुटाने का भी कार्य करने लगा. मंगू नप्पो के खिलाफ एक वारंट लंबित है. दूसरा नक्सली हड़मा नुप्पो साल 2016 से नक्सलियों के संगठन से जुड़ा हुआ है. वह पहले बाल संघम का सदस्य था. उसके बाद वह साल 2019 में सीएनएम सदस्य बना. दोनों सरेंडर करने वाले माओवादियों ने देश के संविधान पर भरोसा जताया है. दोनों आत्मसमर्पित माओवादियों को 25- 25 हजार रुपये नगद प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.