बीजापुर:आंखों से छलकते आंसू.दिल में बसा ये दर्द. कुछ यही कहानी शहीद नारायण सोढ़ी के परिवार (martyr Narayan Sodhi family) की है. 3 अप्रैल को बीजापुर में हुई पुलिस नक्सली मुठभेड़ (bijapur police naxalite encounter) में आवापल्ली के पुन्नूर गांव के रहने वाले नारायण सोढ़ी भी शहीद हुए थे. उनके जाने के बाद परिवार की मानों खुशियां आधी हो गई हों. दर्द दरवाजे पर नजर आता है.
शहीद नारायण सोढ़ी के परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़ परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
शहीद नारायण सोढ़ी के परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. शहीद के परिवार में उनकी पत्नी, तीन बेटियां और एक बेटा हैं. शहीद की पत्नी सुशीला की आंखें रो-रोकर लाल हो गई हैं. उनके मुंह से शब्द नहीं निकल पा रहे हैं.
बीजापुर नक्सली मुठभेड़ में शहीद नारायण सोढ़ी पिता के शहीद होने के बाद सभी चिंतित
शहीद नारायण सोढ़ी की बड़ी बेटी कॉलेज में और दो बेटियां स्कूल में पढ़ रही हैं. वहीं बेटा कालेज में पढ़ाई कर रहा है. पिता के शहीद होने के बाद से सभी परेशान है.आगे की पढ़ाई और घर के गुजारा को लेकर सभी चिंतित हैं.
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सरकार से मदद की गुहार
शहीद नारायण सोढ़ी के पिता काफी पहले गुजर गए थे. वहीं उनकी बुजुर्ग मां और तीन भाई हैं. तीनों भाई पुलिस में हैं.सभी की पोस्टिंग अलग-अलग जिलों में है. ऐसे में परिवार के लोगों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
भारत माता के शहीदों के जाने का गम हर भारतवासी को होता है, लेकिन एक बड़ा सच ये भी है कि सैनिकों के परिवारों का दर्द उनके अपनों के अलावा कोई नहीं समझ सकता. कुछ यही दुख और दर्द शहीद नारायण सोढ़ी के परिवार का भी है.