बीजापुर:3 अप्रैल को बीजापुर जिले के तर्रेम में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ (bijapur police naxalite encounter) में 22 जवान हुए थे. वहीं 31 जवान घायल हुए थे. नक्सलियों से लोहा लेते हुए एकेली गांव के रहने वाले असिस्टेंट कांस्टेबल बोसाराम कारटामी (martyr bosaram kartami) भी शहीद हुए थे. शहीद बोसाराम परिवार में सबसे बड़े थे. वे अपने पीछे पत्नी, चार बच्चे, बुजुर्ग मां और एक छोटे भाई को छोड़ गए.
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
शहीद बोसाराम कारटामी के जाने के बाद से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. घर पर मातम पसरा हुआ है. रो-रोकर सभी का बुरा हाल है. हालत ये हो गई है कि अब इनके आंसू तक सूख चुके हैं. बच्चे मां और दादी से बार-बार पूछते हैं कि पापा कब आएंगे.
परिवार के थे सहारा
शहीद बोसाराम कारटामी के चार बच्चे हैं. जिसमें दो बेटी और दो बेटे हैं. वहीं एक बेटी लक्ष्मी दिव्यांग है. शहीद का एक छोटा भाई भी है जो दंतेवाड़ा में पढ़ाई कर रहा है. परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी शहीद पर थी. अब परिवार के लोग इस बात से चिंतित हैं कि आखिर घर कैसे चलेगा.