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80 किलोमीटर का करना पड़ता है सफर, तब जाकर भूख मिटाने के लिए मिलता है राशन - There is no ration shop in 23 villages

संड्रा और बडाकाकलेट में उचित मूल्य राशन की दुकान नहीं है. इस वजह से ग्रामीणों को राशन लेने के लिए करीब 80 किलोमीटर दूर उल्लूर और भोपालपटनम तक का रास्ता तय करना पड़ता है.

राशन के लिए 80 किलोमीटर का करना पड़ता है रास्ता तय

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Published : Sep 24, 2019, 3:12 PM IST

बीजापुरः मुख्यमंत्री खाद्यान योजना के तहत BPL परिवारों को 1-2 रुपए किलो मिलने वाला चावल दूरांचल ग्रामीण इलाके के लोगों के लिए महंगा साबित हो रहा है. गांव में राशन दुकान नहीं होने की वजह से ग्रामीणों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

राशन के लिए 80 किलोमीटर का करना पड़ता है रास्ता तय

जिले के नक्सल प्रभावित इलाके संड्रा और बडाकाकलेट में उचित मूल्य राशन की दुकान नहीं है. इस कारण ग्रामीणों को चावल लेने के लिए करीब 80 किलोमीटर का सफर कर उल्लूर और भोपालपटनम तक जाना पड़ता है.

दस गुना महंगी पड़ती है कीमत
ग्रामीणों का कहना है कि 'राशन लेने के लिए ज्यादा वक्त और भाड़ा लगता है. उसे मिलाकर चावल की कीमत दस गुना बढ़ जाती है. पैदल आने-जाने में पूरा एक सप्ताह लग जाता है, तब जाकर घरों में चावल पहुंच पाता है'. भोपालपटनम ब्लॉक में तीन ऐसे पंचायत हैं, जहां के ग्रामीणों को शासन- प्रशासन से किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पाता. पिछले साल संड्रा क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों ने भोपालपटनम तहसीलदार को गांव में उचित मूल्य दुकान संचालित करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा था.

23 गांव में नहीं है राशन दुकान
इलाके में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान नहीं होने की वजह से 23 गांव के लोगों को राशन लेने के लिए 80 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. इस दौरान ग्रामीणों को बैलगाड़ी और साइकिल का इस्तेमाल करने के साथ ही कई किलोमीटर तक पैदल सफर भी करना पड़ता है.

दिक्कत का करना पड़ता है सामना

  • संड्रा उचित मुल्य की दुकान में जारेगुड़ा, कदीवाया, रालापल्ली, चेरपल्ली, चिपनपल्ली, मुक्तुसा, कुर्ता, और संड्रा जैसे 8 गांव से 345 कार्डधारी शामिल हैं.
  • एडापल्ली राशन दुकान में इरपा गुटटा, आरापल्ली, पासेगुंडी, गरतूल, कोकेरा और एडापल्ली के नाम शामिल है, इन 6 गांव में 303 राशन कार्डधारी हैं.
  • बडेकाकलेट पंचायत राशन दुकान में अन्नापुर, काडलापर्ती, पीलूर, छोटा काकलेट, सपीमरका, माटवाडा, पेनक्कदूर, गुडमा, टेकगुडा समेत बडेकाकलेट आते है इन गांव में 383 कार्डधारी शामिल हैं.

अधिकारी ने बताया साधन की कमी
फोन में बातचीत के दौरान सहायक खाद्य अधिकारी बीएल पदमाकर ने बताया कि, संड्रा और बडेकाकलेड में आवागमन के साधन नहीं है. इस वजह से वहां की उचित मूल्य की दुकानें उल्लूर में संचालित की जा रही हैं. ग्रामीणों को राशन इन्हीं दुकानों से मिल रहा है.

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