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मोदी सरकार का काला कानून कृषि संरचना को पूरी तरह नष्ट कर देगा: विक्रम शाह मंडावी - कृषि कानून को निरस्त करने की मांग

बीजापुर में मोदी सरकार के कृषि कानून के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की गई है. विधायक विक्रम शाह मंडावी ने भी मोदी सरकार के कानूनों को किसान विरोधी बताया है और केंद्र सरकरा पर उद्योगपतियों के हित में काम करने का आरोप लगाया है.

mla vikram mandavi addressing villagers
ग्रामीणों को संबोधित करते विधायक

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Published : Oct 21, 2020, 8:16 PM IST

बीजापुर: मोदी सरकार के कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए जिले के विभिन्न पंचायतों ने हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की है. इसी कड़ी में बुधवार को विधायक विक्रम शाह मंडावी ने जांगला और माटवाडा के किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार के किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक- 2020, किसान सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन कृषि सेवा विधेयक- 2020 औरआवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक- 2020 पूरी कृषि संरचना को नष्ट कर देगी.

विधायक ने मोदी सरकरा पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाया है. विक्रम मंडावी ने कहा कि मोदी सरकार के कृषि कानूनों में किसानों के लिए एमएसपी तक का प्रावधान नहीं किया गया है. इसके लिए मोदी सरकार को किसानों से माफी मांगनी चाहिए और इन कानूनों को निरस्त करना चाहिए. मोदी सरकार के कृषि कानून के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन किया जा रहा है. देश के किसान, मजदूर, दुकानदार, एपीएमसी के कर्मचारी संगठन के लोग इस कानून को तत्काल वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में नया कृषि कानून! 27-28 अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र

मोदी सरकरा पर लगाए उद्योगपतियों को लाभ देने का आरोप

बीजापुर के किसान भी अब इन काले कानूनों के विरोध में लामबंद हो रहे हैं. मंडावी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि देश में जब से मोदी सरकार आई है तब से लेकर अब तक मोदी सरकार केवल उद्योगपतियों और सेठ, साहूकारों के लाभ के लिए ही काम कर रही है और देश के आम लोगों से मोदी सरकार को कोई लेना देना नहीं है. मोदी सरकार किसी न किसी रूप से किसानों से जमीन लेने के लिए नए-नए कानून ला रही है.

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