बीजापुरःइस वर्ष बरसात की कमी के चलते खेतों में पानी की कमी व सूखे के कारण स्थानीय किसान खेतों की जुताई नहीं कर पा रहे हैं. वहीं फसल की रोपाई भी प्रभावित हो रहा है. इससे फसल के उत्पादन को लेकर किसानों में मायूसी छायी है. इतना ही नहीं मौसम की मार झेल रहे किसान यूरिया व डीएपी खाद (fertilizers) की किल्लत भी झेल रहे हैं. इस समय किसानों को यूरिया व डीएपी की सख्त जरूरत है, लेकिन शासन-प्रशासन की अनदेखी के चलते किसान यूरिया व डीएपी खाद से भी वंचित हैं.
एक तो सूखा उसपर खाद की किल्लत, फसल उत्पादन के लिए किसान परेशान
एक तो सूखा, ऊपर से यूरिया और डीएपी खाद (fertilizers) की किल्लत. ऐसे में किसान न तो खेतों की जुताई कर पा रहे हैं न ही फसल की बुआई. मौसम की मार झेल रहे किसान खाद के लिए पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र पर पर निर्भर हैं. ऐसे में वहां के खाद व्यापारियों के हाथ किसान शोषित होने को मजबूर हैं.
खाद के लिए पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र पर निर्भर हैं किसान
किसान यूरिया व डीएपी खाद के लिए पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र पर निर्भर हैं. फसल उत्पादन के लिए चिंतित किसान किसी तरह कष्ट झेल कर भी महंगी दरों पर यूरिया व डीएपी पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से लाने पर मजबूर हैं. स्थानीय किसानों की इस मजबूरी का फायदा पड़ोसी राज्य के व्यापारी उठा रहे हैं. जबकि पड़ोसी राज्य के व्यापारी महंगी दरों पर यूरिया व डीएपी बेच रहे हैं. वहीं किसानों ने सरकार से मांग की है कि यथाशीघ्र किसानों के हित में यूरिया व डीएपी की व्यवस्था की जाए, ताकि इसकी खरीद के लिए पड़ोसी राज्य यूरिया व डीएपी के लिए उनका शोषण न कर सकें.