बीजापुर : स्कूल शिक्षा विभाग की पहल पर चल रहे 'पढ़ई तुंहर दुआर' कार्यक्रम में ऑनलाइन शिक्षा की बजाय ऑफलाइन मोहल्ला क्लास को ज्यादा प्राथमिकता मिल रही है. मोहल्ला क्लास पेड़ों की छांव से लेकर घरों के आंगन तक बच्चों की शिक्षित करने में कामयाब हो रहा है. मोहल्ला क्लास को लेकर शिक्षक, जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर कक्षा संचालित करने में सहज महसूस कर रहे हैं. वहीं बच्चों के पालक इस व्यवस्था में भरपूर सहयोग कर रहे हैं.
बीजापुर विकासखण्ड में 200 से ज्यादा मोहल्लों में ऑनलाइन क्लास के अतिरिक्त ऑफलाइन मोहल्ला क्लास का संचालन किया जा रहा है. गांव के सुरक्षित स्थान पर बच्चों के बैठने की व्यवस्था अभिभावकों के माध्यम से हो रही है. इसमें सामुदायिक भवन से लेकर अभिभावकों के घर-आंगन और मैदानों में पेड़ों की छांव में कक्षाएं संचालित की जा रही है. बच्चों के पालक कक्षा संचालन हेतु दरी-चटाई की व्यवस्था कर शिक्षकों को सहयोग कर रहे हैं.
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संकुलवार जानकारी के मुताबिक
बीजापुर-अ में 28, बीजापुर-ब में 12 कक्षाएं संचालित हो रही है. संजयपारा में 19, बोरजे 22, तोयनार 29, नैमेड 24, कैका 17, चेरपाल 15, गंगालूर 10, चिन्नाकवाली 15, तुमनार 12 एवं पदेडा में 4 स्थानों पर मोहल्ला क्लास का संचालन नियमित तौर पर जारी है. इनमें रोजाना 2 घंटे मोहल्ला क्लास में बच्चों को शिक्षा देकर 335 शिक्षक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं.
मोहल्ला क्लास संचालन सफल हो रहा
मोहल्ला क्लास संचालन को लेकर बीईओमो जाकिर खान ने बताया कि ऑनलाइन क्लास नेटवर्क विहीन क्षेत्र और मोबाइल के अभाव में सीमित स्थानों पर संचालित हो रहा था. इस कमी को मोहल्ला क्लास नें काफी हद तक दूर किया है. शिक्षा सचिव एवं कलेक्टर के मार्गदर्शन में सभी संकुलों में मोहल्ला क्लास संचालन करने में सफल हो रहे हैं. सभी जगहों पर बच्चों को शिक्षा देने के साथ कोरोना सक्रंमण से बचाव के उपाय की भी जानकारी दी जा रही है. फिलहाल 2 संकुल चेरपाल और गंगालूर में कोरोना सक्रंमण की वजह से कक्षाओं का संचालन बाधित है.
छात्रों को संपूर्ण सुविधा
जिला शिक्षा अधिकारी डी. सम्मैया ने कहा कि कोरोना सक्रंमण के दौर में शिक्षा विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि किसी भी तरह बच्चे पढ़ाई से जुड़े रहे. शिक्षा सचिव के निर्देशानुसार कलेक्टर महोदय के मार्गदर्शन में जिले के चारों विकास खण्डों में मोहल्ला क्लास बेहतर ढंग से संचालित हो रहा है. इसमें बच्चों के साथ शिक्षक भी रूचि ले रहे है. क्षेत्र की परिस्थितियों के मद्देनजर ऑनलाइन क्लास की बजाय मोहल्ला क्लास ज्यादा प्रभावी साबित हो रहा है. शिक्षकों के द्वारा बच्चों को पढ़ाई के साथ स्कूल ड्रेस, पाठ्य पुस्तक और सूखा राशन भी वितरित किया जा रहा है.