बीजापुर: 3 अप्रैल को बीजापुर में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ (Bijapur Naxal encounter)में हमारे 22 जवान शहीद हुए और 31 जवान घायल हुए. नक्सलियों के ट्रैप में फंसे जवानों ने आखिरी सांस तक बहादुरी से लड़ाई लड़ी. जिस जगह मुठभेड़ हुई. ETV भारत ने ग्राउंड जीरो (etv bharat ground zeoro report) का जायजा लिया.
बेजुबानों और दीवारों पर गोलियों के 'दाग', ग्राउंड जीरो पर पहुंचा ETV भारत मुठभेड़ का भयावह मंजर
मुठभेड़ का मंज़र भयावह था.बेज़ुबानों को भी गोलियां लगीं. दीवारों पर भी गोलियों के दाग.जमीन पर पड़े बुलेट के खाली पड़े खोखे. जवानों पर दागे गए रॉकेट लॉन्चर के टुकड़े. ये बताने के लिए काफी हैं, कि मंज़र कितना भयावह था.
नक्सलियों ने पहाड़ी से किया था हमला
ग्रामीणों ने बताया कि नक्सली पहाड़ी में छिपे हुए थे.जब जवान गश्त पर जंगल की ओर से निकले. तो घात लगाए बैठे नक्सलियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी.ग्रामीणों ने बताया कि 3 अप्रैल को पुलिस-नक्सली के बीच मुठभेड़ हुई थी. ग्रामीण कहते हैं यहां युद्ध हुआ था. पटाखों जैसी आवाजें आ रही थीं.गोलियां घरों पर गिर रही थीं.
एक साथ विदा हुए तिरंगे में लिपटे 22 जवान, रो पड़े लोग
हर तरफ बिखरी थीं लाशें
डरे-सहमे ग्रामीणों ने बताया कि यदि समय पर वो गांव खाली नहीं करते तो वे भी मारे जाते.हर तरफ जवानों की लाशें बिखरी थीं. ग्राउंड जीरों पर ETV भारत की टीम ने देखा कि मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों की ओर से छोड़े गए बुलेट, रॉकेट लॉन्चर के टुकड़े मिले. मुठभेड़ उस दिन मुठभेड़ में बेजुबान जानवरों को भी गोली छूकर निकली है. यहां तक घर की दीवारों पर भी गोलियों के निशान मिले.