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Bijapur latest news : उसूर पोटा केबिन में बच्चा झुलसा, लापरवाह बरतने वालों पर नहीं हुई कार्रवाई - Pota cabin

बीजापुर के उसूर ब्लॉक में संचालित पोटा केबिन में एक हादसा हो गया.यहां 6 साल का बच्चा चावल से निकाले गए माढ़ में गिरकर झुलस गया. लेकिन इस हादसे के बाद भी ना पोटा केबिन संचालकों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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उसूर पोटा केबिन में बच्चा झुलसा

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Published : Mar 4, 2023, 3:51 PM IST

बीजापुर :बीजापुर जिले के रेसिडेंसियल आश्रम शाला में आए दिन अधीक्षक अधीक्षिका की लापरवाही का मामला सामने आता है. इसी कड़ी मे एक आश्रम शाला पोटाकेबिन में आश्रम के अधीक्षक की लापरवाही के कारण एक छात्र चावल की माढ़ में गिरकर झुलस गया. जिसे इलाज के लिए बीजापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.मिली जानकारी के अनुसार उसूर पोटा केबिन की किचन में चावल से निकाली गई माढ़ रखी हुई थी. शाम को प्रार्थना बेल बजते ही बच्चे दौड़ने लगे. इसी दौरान दौड़ते हुए मुचाकी हिडमा जिसकी उम्र 6 वर्ष बताई जा रही है वो गर्म माढ़ के बर्तन में गिर गया.जिससे वो बुरी तरह से झुलस गया है.

बच्चे के परिजनों को दी गई सूचना :वहां मौजूद अधीक्षक चिन्ना अंगनपल्ली ने तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उसूर पहुंचाया. जहां प्राथमिक उपचार मिलने के बाद बीजापुर जिला अस्पताल के लिए भेजा गया. अधीक्षक चिन्ना अंगनपल्ली ने बताया कि '' मुचाकी हिडमा कक्षा पहली का छात्र है .उसका गृह ग्राम उसूर से दस किमी दूर गुंजेपर्ती है.''

40 फीसदी तक जल चुका है बच्चा:जिला अस्पताल के डॉ निखिल ने बताया कि ''मरीज को 40 फीसदी बर्न है.अभी तरल एंटीबायोटिक दी जा रही है. कल इन्हें सर्जरी वार्ड में शिफ्ट करा दिया जाएगा.'' इसके पूर्व भी पोटा केबिन में कई प्रकार के घटना सामने आ चुकी है. सबसे बड़ी विडंबना है की संचालित आश्रम अधीक्षक और अधीक्षिका पर उच्चधिकारी किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करते हैं. जिसके कारण ऐसे हादसों के बाद भी इनके मन में डर नहीं रहता.

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विवादों में है पोटा केबिन :पोटा केबिन में रहकर पढ़ रहे बच्चों को लेकर कई तरह की शिकायतें सामने आ चुकी है. इन पोटा केबिन्स में ना तो बच्चों का ठीक तरीके से ख्याल रखा जाता है.ना ही उनके साथ हादसा होने पर सही समय पर इलाज मिल पाता है. अक्सर बच्चों को उसी हालात में छोड़ दिया जाता है. मामला सामने आने के बाद शिकायत तो होती है.लेकिन इन अधिकारियों के ऊपर बैठे लोग इसे अनसुना करते हैं.जिसका नतीजा है आए दिन पोटा केबिन में बच्चों की जान से खिलवाड़.

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