बीजापुर: 12 साल की जमलो की मौत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. तेलंगाना से अपने घर छत्तीसगढ़ के बीजापुर लौट रही बच्ची मंजिल पर पहुंचने से पहले ही मौत के मुंह में पहुंच गई. माता-पिता को जिस बेटी के घर लौटने का इंतजार था, वो घर नहीं लौटी, उसकी मौत की खबर पहुंची. जमलो बीजापुर के आदेड गांव के कुछ लोगों के साथ 2 महीने पहले मिर्ची तोड़ने तेलंगाना के पेरूर गांव गई थी. लॉकडाउन 2 लगने के बाद 16 अप्रैल को गांव के 11 लोगों के साथ पैदल ही जंगल के रास्ते से होते हुए तेलंगाना से बीजापुर के लिए रवाना हुई, लेकिन रास्ते में ही उसकी तबीयत बिगड़ गई.
रास्ते में जमलो दर्द से तड़पती रही. जंगल के सन्नाटे में न दवा मिली और न दुआ ही काम आई. कुछ मिला तो वो था, सुस्ताने के लिए पेड़ का साया. गांव वाले हिम्मत बंधाते रहे. लड़खड़ाते-डगमगाते कदमों से करीब 135 किलोमीटर जंगल का सफर तय भी किया. लेकिन मोदकपाल पहुंचते ही उसकी सांसों ने जिंदगी का लिहाज करना छोड़ दिया. बताया जा रहा है कि 20 अप्रैल को इस बच्ची ने दम तोड़ दिया.
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