Bijapur Assembly Election :बीजापुर में किसका झंडा होगा बुलंद, विक्रम शाह मंडावी के मुकाबले महेश गागड़ा कितने तैयार ? - महेश गागड़ा
Bijapur Assembly Election बीजापुर में एक बार फिर दो पुराने प्रतिद्वंदी आमने सामने होंगे.महेश गागड़ा और विक्रम शाह मंडावी अपने-अपने दल के लिए चुनावी रण में संग्राम करते दिखेंगे. दोनों ही प्रत्याशी टिकट मिलने के बाद से जीत का दावा कर रहे हैं.clash between Mahesh Gagda and Vikram Mandavi
विक्रम शाह मंडावी के मुकाबले महेश गागड़ा कितने तैयार ?
बीजापुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने लगभग सभी सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है.बीजापुर में मौजूदा विधायक विक्रम शाह मंडावी को टिकट मिला है.जबकि बीजेपी ने पूर्व मंत्री महेश गागड़ा को मैदान में उतारा है. पिछली बार की बात करें तो भोपालपटनम क्षेत्र से विक्रम मंडावी को आठ हजार से अधिक वोट से लीड मिली थी.जिले भर से बात करें तो विक्रम मंडावी को पिछले चुनाव में 21584 वोटों से जीत हासिल हुई थी. जबकि उनके प्रतिद्वंदी महेश गागड़ा को 22427 वोट मिले थे. वहीं 2013 में महेश गागड़ा ने विक्रम मंडावी को नौ हजार चार सौ सत्तासी वोट से हराया था. महेश गागड़ा को 29578 और विक्रम मंडावी को 20091 वोट मिले थे.
दो मुकाबलों में हार और जीत बराबर : पिछले दो बार के चुनाव में दोनों ही प्रत्याशी एक दूसरे से दो बार आमने सामने लड़े.जिसमें एक बार महेश गागड़ा और दूसरी बार विक्रम शाह मंडावी को जीत मिली. इस बार भी दोनों प्रत्याशियों में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. वर्तमान विधायक अपने पांच साल के विकास कार्यों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं. वहीं बीजेपी वर्तमान सरकार की नाकामियों और भ्रष्टाचार के मुद्दे को सामने लाकर चुनाव लड़ रही है.
वोटर्स को लुभाने के लिए झोंक रहे ताकत : हाल ही में सड़क दुर्घटना में घायल होने के बावजूद विक्रम मंडावी चुनाव प्रचार में एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. विक्रम मंडावी का ज्यादा फोकस ग्रामीण इलाकों में है.वहीं महेश गागड़ा भी चुनावी कमान खुद संभाले हुए हैं.उनका भी जनसंपर्क जोरों पर चल रहा हैं.देखा जाए तो विधायक विक्रम मंडावी की जमीनी सक्रियता का सीधा लाभ उन्हें चुनाव में मिल सकता है.
विधानसभा में कैसा है समीकरण ? :महेश गागड़ा के 2018 में हारने के बाद विपक्ष की भूमिका निभाने के बजाए बीजापुर से बाहर रहते थे.इसका परिणाम ये रहा कि क्षेत्र में उनकी पकड़ कमजोर हो रही थी. टिकट फाइनल होने के बाद वे मैदान में बड़ी जोश के साथ उतरे हैं.उनके कार्यकर्ता बड़ी लगन के साथ मैदानी इलाकों में काम कर रहे हैं. बीजापुर विधानसभा में देखा जाए तो राष्ट्रीय दलों के बीच ही टक्कर देखने को मिली है. लेकिन सीपीआई, जनता कांग्रेस, आप पार्टी की सक्रियता मैदानी इलाकों में दिखाई दे रही है. इसी बीच हमार राज पार्टी ने भी अपने प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. जो आदिवासी समाज में अच्छी पकड़ रखते हैं.बावजूद इसके बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों के अपने-अपने दावे हैं.