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Alleges of fake encounter in Bijapur: बीजापुर एसपी का दावा, नक्सलियों के इशारे पर परिजन लगा रहे आरोप

Allegations of fake encounter in Bijapur: बीजापुर के नैमेड में हुए मुठभेड़ को मारे गए नक्सली के परिजनों ने फर्जी बताया. उनका कहना है कि जवानों ने नक्सल संगठन छोड़ चुके ग्रामीण की हत्या की है. एसपी ने ग्रामीणों पर नक्सलियों के इशारे पर आरोप लगाने और मनगढ़ंत कहानी रचने की बात कही है.

alleges of fake encounter in Naimed of Bijapur
बीजापुर के नैमेड में परिजनों ने फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया

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Published : Mar 13, 2022, 12:32 PM IST

बीजापुर: जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ पर एक बार फिर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगा है. मारे गए 3 लाख के इनामी नक्सलियों के परिजनों ने जवानों पर हत्या का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि मृतक पहले नक्सली था लेकिन काफी समय पहले से ही उसने नक्सल संगठन छोड़ दिया था. परिजनों ने पूर्व नक्सली को घर से उठाकर ले जाने और कैका के जंगल में गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया है. (alleges of fake encounter in Naimed of Bijapur )

11 मार्च को बीजापुर जिले के नैमेड़ में हुए मुठभेड़ (Police Naxalite encounter in Naimed police station area ) में पुलिस जवानों ने सैंड्रा इलाके के नक्सल संगठन के एसीएम और इनामी नक्सली रीतेष पुनेम को मार गिराया (Naxalite Ritesh Punem killed in Bijapur ) था. लेकिन घटना के कुछ देर बाद ही ग्रामीण और परिजनों ने मीडिया को बताया कि मुठभेड़ पूरी तरीके से फर्जी था.

मोसला गांव के ग्रामीणों अवलम बुधरी, सन्नु कोरसा और मंगु कोरसा ने कि 'सुबह करीब पांच बजे जवानों की टीम गांव पहुंची थी और पूरे मोसला गांव को घेराबंदी कर लिया. इसी दौरान रीतेश पुनेम के साथ तीन अन्य लोगों को जवानों ने पकड़ लिया. कुछ देर बाद जवानों ने सन्नू, बुधरी और मंगु को छोड़कर रीतेष पुनेम को अपने साथ कैका के जंगल की ओर ले गए. लगभग 7 बजे गांव वालों को फायरिंग की आवाज सुनाई दी. बाद में पता चला कि मुठभेड़ का नाम देकर जवानों ने रीतेश पुनेम की गोली मारकर हत्या कर दी है.

Naxalite killed in Bijapur: बीजापुर में मुठभेड़ में मारा गया 3 लाख का इनामी नक्सली

नक्सली संगठन छोड़ चुका था रीतेश पुनेम

मुठभेड़ में मारे गए रीतेष पुनेम के भाई बिज्जा पुनेम ने बताया कि 'मृतक रीतेश पुनेम 2007 में नक्सलियों के साथ चला गया था. तकरीबन 13 सालों तक नक्सल संगठन में रहकर काम कर रहा था. लेकिन परिवार के दबाव के चलते साल 2021 में उसने संगठन छोड़ दिया और घर वापसी कर ली. छोटा-मोटा काम कर वो अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था.

परिजनों का कहना है कि 'जवानों ने अगर उसे गिरफ्तार किया था तो नियमानुसार जेल भेजा चाहिए था. लेकिन जवानों ने उसकी हत्या कर बुजुर्गों का सहारा छीन लिया. हम पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हैं'.

'नक्सलियों के इशारे पर आरोप लगा रहे ग्रामीण'

ग्रामीणों और परिजनों के आरोपों पर एसपी कमलोचन कश्यप (Bijapur SP Kamlochan Kashyap) का कहना है कि नक्सलियों के इशारे पर ग्रामीण जवानों की कार्रवाई पर आरोप लगा रहे हैं. मारा गया नक्सली अलग-अलग थाना क्षेत्रों में जवानों पर हमला, लूट, आगजनी और हत्या के मामले में शामिल था. जिसका रिकॉर्ड पुलिस के पास मौजूद है. वह तीन लाख का इनामी नक्सली था. जवानों ने उसे समर्पण करने को कहा था लेकिन उसकी तरफ से फायरिंग के बाद जवानों ने जवाबी कार्रवाई में नक्सली को मार गिराया. इस मुठभेड़ में एक जवान भी घायल हुआ था.

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