बीजापुर: जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र सारकेगुड़ा में 28 जून 2012 को सुरक्षाबल के जवानों ने बीज पांडुम मनाने जुटे तीन गांव राजपेटा, सारकेगुड़ा और कोत्तगुड़ा के ग्रामीणों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. इस फायरिंग में 7 नाबालिक सहित 17 लोग मारे गए थे. सारकेगुड़ा न्यायिक जांच की रिपोर्ट में सारकेगुड़ा एनकाउंटर में शामिल 190 जवानों को दोषी बताया गया है.
घटना के 7 साल बाद ग्रामीण कर रहे इंसाफ की मांग FIR दर्ज करने की मांग
7 साल बाद सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार, सोनी सोरी और तीन गांवों के 100 से ज्यादा ग्रामीण शुक्रवार को बासागुड़ा थाना पहुंचे. जहां पूर्व मुख्यमंत्री सिंह सहित IB चीफ मुकेश गुप्ता, बस्तर IG टी जे लांगकुमेर, CRPF डीआइजी एलांगो, पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल, थाना प्रभारी इकबाल खान पर नामजद एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे हैं.
धरने पर बैठे लोग
ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने SDOP विनोद मिंज को शिकायत पत्र देकर तत्काल एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है. वहीं SDOP विनोद मिंज ने इस पूरे मामले में उच्चाधिकारियों से पत्र व्यवहार और शासन से निर्देश के बाद ही एफआईआर दर्ज करने की बात कही है. जिसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार 12 से ज्यादा लोगों के साथ धरने पर बैठ गए हैं.