बीजापुर:सिलगेर कैंप को लेकर ग्रामीणों का विरोध जारी है. अधिकारियों के समझाने के बाद भी कैंप वाली जगह पर गांववालों का जमावड़ा लगा हुआ है. ग्रामीण विरोध में बैठे हुए हैं. यहां 16 मई को हुई गोलीबारी में मारे गए 3 लोगों की पहचान नक्सलियों के रूप में हुई है. घटना उस वक्त हुई जब लगभग 3 हजार ग्रामीण सिलगेर में स्थापित किए जा रहे CFPF कैंप का विरोध करने पहुंचे थे. पुलिस ने तीनों मृतकों की शिनाख्त नक्सलियों के DKMS सदस्य के रूप में की थी. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि ग्रामीण तार की बैरिकेडिंग को तोड़कर कैंप में घुसने का प्रयास कर रहे थे. तभी उनकी आड़ में खड़े नक्सलियों ने गोली चलाई थी. इस दौरान सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की थी.
तहसीलदार और राजस्व अमला तररेम में डटा
सिलगेर में लगी भीड़ और तररेम में उमड़ रही ग्रामीणों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भोपालपट्टनम तहसीलदार शिवनाथ बघेल समेत राजस्व अमला तररेम में ही डटे हुए हैं. किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए पुलिसकर्मी भी तैनात हैं. हालांकि शुरुआत में कैंप के विरोध में हजारों की तादाद में ग्रामीण जुट रहे थे. अब धीरे-धीरे गांववालों की भीड़ कम होती नजर आ रही है.
सिलगेर कैंप बवाल में मारे गए तीनों लोग नक्सली थे: आईजी सुंदरराज पी
आदिवासी समाज नेताओं ने ग्रामीणों के साथ की बैठक
इधर गोंडवाना आदिवासी समाज (Gondwana Adivasi Society) और सर्व आदिवासी समाज (sarv aadivaasee samaaj) के नेताओं ने कैंप को लेकर ग्रामीणों के साथ बैठक की. बैठक में गांववालों को मामला सुलझाने के लिए समझाइश भी दी थी. समाज के नेताओं ने ग्रामीणों को कहा कि कैंप खुलने से इलाके में सड़क, बिजली, शिक्षा, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य और पेय जल जैसी समस्या का समाधान होगा. कैंप होने से बुनियादी सुविधाएं बढ़ेंगी. वहीं ग्रामीणों को समझाने के लिए समय-समय पर कोई न कोई राजनीतिक दल पहुंच रहा है. बुधवार को जनता कांग्रेस (जे) की टीम जगदलपुर से मौके के लिए रवाना हुई है.