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तेलगांना से पैदल चलकर बीजापुर पहुंचे झारखंड और एमपी के 40 मजदूर

पवार प्लांट के काम को लेकर तेलगांना के गुंटूर गए झारखंड के 21 और मध्यप्रदेश के 19 मजदूर लॉकडाउन के बाद वहां फंस गए. 30 अप्रैल को मजदूर पैदल निकल पड़े और बीजापुर के उसूर ब्लॉक पहुंचे. अब प्रशासन उन्हें भेजने की व्यवस्था कर रहा है.

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Published : May 4, 2020, 8:10 AM IST

40 labourer of Jharkhand and MP reached Bijapur on foot from Telangana
झारखंड और एमपी के 40 मजदूर

बीजापुर:दूसरे राज्यों से मजदूरों के अपने गृह राज्य में लौटेने का सिलसिला जारी है. पवार प्लांट के काम को लेकर तेलगांना के गुंटूर गए झारखंड के 21 और मध्यप्रदेश के 19 मजदूर 30 अप्रैल को वहां से रवाना हो गए. लॉकडाउन के बाद भूख और आर्थिक तंगी के कारण मजदूर 3 दिन में 500 किमी चलने के बाद उसूर पहुंचे. जिसके बाद सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कर गांव के पोटाकेबिन में उन्हें रखा गया है.

बीजापुर प्रशासन कर रहा भेजने की व्यवस्था

जिले के उसूर ब्लॉक के उसूर गांव में पहुंचे, झारखंड और मध्यप्रदेश के 40 मजदूर लॉकडाउन के पहले मजदूरी के लिए तेलंगाना के गुंटूर गांव में गए थे. जिसके बाद लॉकडाउन लागू होने से मजदूर वहां फंस गए. लगभग डेढ़ माह से बिना कोई काम के भूखे प्यासे मजदूर फंसे रहे. उसके बाद 3 दिन तक रात-दिन पैदल चलकर लगभग 500 किमी के सफर के बाद मजदूर उसूर गांव पहुंचे. सभी लोग गोदावरी नदी से होते हुए जंगल के रास्ते से रविवार को पहुंचे. जिसके बाद सभी मजदूर को स्थानीय प्रशासन ने रोक कर पोटाकेबिन के आश्रम में रुकवाया है. सभी लोग मानसिक और शारीरिक रूप से थके हुए हैं.

तीन दिन पैदल चलकर बीजापुर पहुंचे मजदूर

काम बंद होने के बाद खाना-पानी नसीब नहीं

झारखंड के मजदूर हनीफ अंसारी ने बताया कि कंपनी की तरफ से ले जाने के बाद 2 से 3 महीने ही काम किए उसके बाद लॉकडाउन की वजह से काम बन्द हो गया. काम बंद होने के कारण कंपनी ने भी ध्यान नहीं दिया. सभी बुरी स्थिति में रह रहे थे. खाना-पानी तक नसीब नहीं हो रहा था. जिसके बाद मजदूरों से सोचा कि परेशानी भले हो लेकिन गृह राज्य निकलते हैं.

प्रशासन कर रही भेजने की व्यवस्था

उसूर थाना प्रभारी ने बताया कि सभी को आश्रम में रखा गया है साथ ही मजदूरों को खाना पीना भी दिया गया है. प्रशासन के अनुमति के बाद भेजने की व्यवस्था की जाएगी. बीएमओ मनीष उपाध्याय ने बताया कि सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है. इन सभी को कोई बीमारी नहीं है सभी नार्मल है. इस संबंध में कलेक्टर केडी कुंजाम ने बताया कि जो मजदूर एमपी और झारखंड से पहुंचे हैं उन सबकी सर्दी, खांसी और बुखार की जांच की गई है सभी में किसी प्रकार का कोई भी लक्षण नहीं मिला है. एक-दो दिन में झारखंड की बस आएगी उसके बाद उनको झारखंड भेज दिया जाएगा. वहीं एमपी सरकार से भी बात करने की कोशिश की जा रही है जैसे ही उनसे बात होती है एमपी के मजदूरों को भी भेजने का प्रबंध किया जाएगा.

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