बेमेतरा: शहर में बिना कमर्शियल परमिट के सवारी गाड़ी, टैक्सी और मालवाहक गाड़ी धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं. जिसमें परिवहन विभाग के लापरवाही के चलते कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है. विभाग की उदासीनता के चलते वाहन चालकों के हौसले बुलंद हैं. शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है. मालवाहक और सवारी वाहनों पर कार्रवाई नहीं कर परिवहन विभाग शासन की आंखों में धूल झोंकता नजर आ रहा है.
जिला परिवहन कार्यालय के आंकड़ों की मानें तो बेमेतरा जिले में कई सवारी गाड़ियां, टैक्सी और मालवाहक वाहन बिना टैक्स पटाए ही सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं. जिन पर परिवहन विभाग लगाम लगाने में नाकाम नजर आ रहा है. परिवहन विभाग न छापामार कार्रवाई कर रहा है और न ही कमर्शियल कराए जाने को लेकर प्रचार-प्रसार कर रहा है. जिसके अभाव में शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है.
जिले में कुल 1689 कर्मशियलवाहन
जिले में 4 एंबुलेंस, ट्राली नुमा 6 वाहन, 18 बस, 3 कंपर वेन, 115 स्कूली बस, 11 ई-रिक्सा, ट्रांसपोर्ट वाहन 1 हजार 351, मैक्सी कैब 25, मोटर कैब 17, तीन पहिया ट्रांसपोर्ट वाहन 52, तीन पहिया माल वाहक गाड़ी 53 और 34 कर्मशियल ट्रैक्टर हैं.
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कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा परिवहन विभाग
बेमेतरा जिला में परिवहन विभाग के पास न तो खुद का भवन है और न ही पर्याप्त कर्मचारी हैं. परिवहन विभाग अभी आईटीआई भवन में संचालित किया जा रहा है. विभाग में केवल 1 परिवहन अधिकारी और 2 कर्मचारी हैं. वहीं कार्यालय में न ही स्वीपर है और न ही चपरासी है. 3 कर्मचारियों से ही जैसे -तैसे परिवहन का काम कराया जा रहा है.