बेमेतरा: जिले में मानसून दस्तक देने वाली है. किसान खेती के कार्यों मे जुट गए हैं. कृषि प्रधान जिला बेमेतरा में खरीफ सीजन में धान की खेती मुख्य रूप से की जाती है. किसान 1 लाख 86 हजार हेक्टेयर में धान की खेती करते हैं. वहीं इस साल कृषि विभाग ने धान का रकबा कम करने का प्रयास किया है. किसानों को दलहन और तिलहन की फसल लगाने की सलाह दी जा रही है.
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12 हजार 995 हेक्टेयर धान का रकबा कम करने का लक्ष्य
कृषि मंत्री के गृह जिले और कृषि प्रधान जिले में कृषि विभाग ने एक साल में 1 लाख 73 हजार 730 हेक्टेयर में ही धान की फसल लगवाने का लक्ष्य तय किया है. 12 हजार 995 हेक्टेयर तक रकबा घटाने की योजना बनाई गई है. पिछले साल जिले में 1 लाख 86 हजार 725 हेक्टेयर में धान की फसल ली गई थी. वहीं कृषि विभाग ने इस साल दलहन-तिलहन के रकबा को बढ़ाने की तैयारी की थी. सोयाबीन और मूंगफली का रकबा बढ़ना तय माना जा रहा है. वहीं इस साल विभाग को शासन से मक्का का रकबा बढ़ाने का निर्देश मिला है. सब्जियों के रकबे यथावत रखे गए हैं.
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गन्ना और सब्जी के रकबे रहेंगे वैसे के वैसे
इस साल गन्ने की फसल के रकबे यथावत रहेंगे. इस पर कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. पूर्व की भांति 3537 हेक्टेयर में गन्ने की खेती की जाएगी. वहीं सब्जी की खेती का लक्ष्य भी 1005 हेक्टेयर यथावत है. वहीं जिले में ज्वार कोदो के रकबे में बढ़ोतरी का लक्ष्य दिया गया है. जिसे 723 हेक्टेयर से 1720 हेक्टेयर किया गया है. इस संबंध में कृषि विभाग के उपसंचालक एमडी मानकर ने कहा कि शासन से जारी निर्धारित लक्ष्य के अनुसार रकबा तय किया गया है. किसानों को दलहन और तिलहनी फसलों की खेती करने में फायदा है.