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SPECIAL: आंगनबाड़ी केंद्रों में दूध की सप्लाई बंद, कैसे होगा कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ ?

छत्तीसगढ़ में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है.अभियान में लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने के साथ कुपोषितों को न्यूट्रिशन उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया. लॉकडाउन के बाद बेमेतरा जिला में आंगनबाड़ी केंद्र खुल गए हैं. लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों में दूध और अंडे जैसे पूरक पोषण आहार की पूर्ति शुरू नहीं की गई है. जिससे शासन की इन योजनाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

Malnutrition free chhattisgarh
आंगनबाड़ी केंद्रों में दूध की सप्लाई बंद

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Published : Mar 12, 2021, 2:35 PM IST

बेमेतरा:लॉकडाउन के बाद छत्तीसगढ़ सरकार के निर्देशानुसार बेमेतरा जिला में आंगनबाड़ी केंद्र खुल गए हैं. लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों में दूध और अंडे जैसे पूरक पोषण आहार की पूर्ति शुरू नहीं की गई है. बच्चों को दाल, चावल, खिचड़ी, सब्जी परोसी जा रही है. दूध और अंडों की सप्लाई नहीं होने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. जिम्मेदार सरकार की ओर से सप्लाई होने की बात कह कर पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं.

आंगनबाड़ी केंद्रों में दूध की सप्लाई बंद

छत्तीसगढ़ में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए पहले की सरकारों के साथ वर्तमान की भूपेश बघेल सरकार कई योजनाएं चला रही है. भूपेश बघेल की सरकार ने कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ के लिए 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरुआत की थी. अभियान में लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने के साथ कुपोषितों को न्यूट्रिशन उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया था.

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आंगनबाड़ी केंद्रों में दूध की सप्लाई बंद

कोरोना की वजह से आंगनबाड़ी केंद्र बंद थे. राज्य सरकार से प्राप्त निर्देश के बाद पिछले 1 महीने से आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन हो रहा है. जहां बच्चों को पोषण आहार के रूप में दिए जाने वाले मीठे दूध की सप्लाई बंद है. अंडे की सप्लाई के विरोध के कारण बेमेतरा जिला में इस दिशा में काम ही नहीं हो पाया. आंगनबाड़ी आ रहे बच्चों को चावल, दाल, रोटी सब्जी दी जा रही है. दूध की सप्लाई बंद होने पर ETV भारत ने समीक्षात्मक रिपोर्ट तैयार की.

आंगनबाड़ी केंद्र

सप्ताह में एक दिन मिलता था बच्चों को दूध

आंगनबाड़ी में बच्चों की उपस्थिति अब भी कम है. करीब 50 फीसदी बच्चे ही आंगनबाड़ी पहुंच रहे हैं. नौनिहालों के आहार में शासन ने सुगंधित मीठे दूध की कटौती कर दी है. बच्चों को सप्ताह में 1 दिन 100 ग्राम दूध दिया जाता था.

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जिले में 1079 आंगनबाड़ी केंद्र है संचालित

बेमेतरा जिला में कुल 6 परियोजनाओं के तहत 1176 आंगनबाड़ी स्वीकृत है. जिसमें 1079 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है. जिनमें कुल दर्ज संख्या 40,841 है.

  • बेरला परियोजना में 9236
  • बेमेतरा परियोजना में 5740
  • साजा परियोजना में 8598
  • नवागढ़ परियोजना में 6878
  • नांदघाट परियोजना में 6343
  • खंडसरा परियोजना में 5120 बच्चों की दर्ज संख्या है.

जिले में 6 से 236 महीने तक के 820 गंभीर कुपोषित बच्चें है. जिन्हें दूध दिया जाना बेहद जरूरी है.

बच्चों को दूध देने की सभी ने की वकालत

दूध की आपूर्ति नहीं होने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में चावल, दाल, पापड़, सब्जी, पोषण आहार के रूप में बच्चों को दिए जा रहे हैं. दूध की सप्लाई शासन स्तर से नहीं हो रही है. जिसके कारण अभी बच्चों को दूध नहीं मिल पा रहा है. जैसे ही दूध की सप्लाई शुरू होगी बच्चों को दिया जाएगा.

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'आंगनबाड़ी केंद्रों में दूध दिया जाना जरूरी'

भाजपा नेता अजय साहू ने कहा कि बच्चों को दी जाने वाली सामग्रियों में शासन कटौती कर रही है. यह गलत है. शासन को बच्चों को दी जाने वाले सभी सामग्री की आपूर्ति करनी चाहिए. कांग्रेस नेता कैलाश सोनी ने कहा कि बच्चों को दूध भी मिलना चाहिए. अभी सप्लाई बंद है, लेकिन शासन द्वारा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण आहार दिया जा रहा है.

'जैसे ही सप्लाई शुरू होगी बच्चों को दूध दिया जाएगा'

नवागढ़ परियोजना अधिकारी शिल्पा तिवारी ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को रोटी, दाल, सब्जी दी जा रही है. जैसे ही दूध की सप्लाई होगी, बच्चों को दूध भी दिया जाएगा. कलेक्टर शिव अनंत तायल ने कहा कि शासन स्तर से दूध की सप्लाई बंद है. जैसे ही सप्लाई शुरू होगी बच्चों को दिया जाएगा.

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