बेमेतरा:छत्तीसगढ़ की धरती भगवान राम की माता कौशल्या की जन्मस्थली है. यह प्रदेश भगवान राम का ननिहाल है. मान्यता ये भी है कि 14 वर्षों के वनवास के दौरान भगवान राम ने सबसे ज्यादा वक्त छत्तीसगढ़ के जंगलों में बिताया था. छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार भगवान राम से जुड़े स्थानों को पर्यटन के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है. राम वन गमन पथ को लेकर प्रदेश सरकार प्रचार प्रसार करने में लगी हुई है . इसकी कड़ी में राम वन गमन पथ प्रचार रथ यात्रा बेमेतरा जिला पहुंचा. लोगों ने रथ का आरती उतार कर स्वागत किया.
प्रचार रथ का लोगों ने आरती उतारकर किया स्वागत एलईडी स्क्रीन में माध्यम से दी गई जानकारी
नगर पालिका बेमेतरा ने पुराना बस स्टैंड चौंक में रथ का स्वागत किया. इस दौरान नगर माता भद्रकाली मंदिर प्रांगड़ के सामने LED SCREEN के माध्यम से लोगों को जागरूक कर प्रचार प्रसार किया गया. एलईडी स्क्रीन के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि प्रदेश सरकार की मंशा है कि त्रेतायुग में भगवान राम वनवास के समय जिन 16 जिलों के 43 स्थलों से गुजरे थे ,उनका वर्तमान में विकास कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए. इसमें सीतामढ़ी हरचौका, रामगढ़, चंद्रपुर, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, मल्हार, सिरपुर, राजीम, सिहावा, जगदलपुर, माता कौशिल्या की जन्म स्थली चंदखुरी, रामारम, सुकमा समेत अन्य स्थान शामिल है. बेमेतरा नगर में भ्रमण के बाद रथ प्रचार-प्रसार के लिए देवरबीजा और नगर पंचायत साजा पहिंचा
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पालिका परिषद एवम नगरवासी ने रथ का किया अभिनंदन
नगर पालिका अध्यक्ष शकुंतला मंगत साहू, उपाध्यक्ष पंचू साहू, SDM दुर्गेश वर्मा, CMO होरी सिंह ठाकुर, सहित नगर पालिका के पार्षदगण ने आरती उतारकर रथ का स्वागत किया. साजा के मौहाभाठा में ग्रामीणों ने आरती उतारकर रथ का स्वागत किया. आज रथ देवकर प्रवास पर रहेगा.
राम वन गमन प्रचार रथ का स्वागत