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बंद पड़े हैंडपंप, नदियों की सूखी धार, पानी के लिए बारिश का इंतजार

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Published : Jul 27, 2019, 10:39 AM IST

Updated : Jul 27, 2019, 3:52 PM IST

पिछले चार वर्षों से बारिश न होने से यहां का भू-जलस्तर लगातार गिर रहा है जिससे पेयजल की पूर्ति नहीं हो पा रही है यदि आने वाले दिनो में भी बारिश नहीं हुई तो गंभीर जल संकट के आसार हैं.

कम बारिश होने से भू-जलस्तर लगातार गिर रहा है

बेमेतराः जिले की जीवनदायिनी शिवनाथ, खारुन, हांफ, सुरही नदी की धार सूख रही है. जिले के साजा, बेरला, नवागढ़ क्षेत्र में भू जलस्तर गिरा है, कम बारिश होने से जिले में व्यापक असर पडऩे लगा है. नदियों का जल नहीं के बराबर रह गया है. वहीं हैंडपंप और मोटर पंपों ने भी जवाब दे दिया है.

बढ़ रहा जल संकट

बढ़ रहा जल संकट
लोगों का कहना है कि पिछले चार वर्षों से कम बारिश होने से यहां का भू-जलस्तर लगातार गिर रहा है. इससे पेयजल की पूर्ति नहीं हो पा रही है, यदि आने वाले दिनों में भी बारिश नहीं हुई तो गंभीर जल संकट के आसार हैं. कई स्थानों पर तो जलस्तर 250 फीट तक नीचे चला गया है और कई स्थानों पर 300 फीट तक पानी ही नही हैं. पीएचई के आकड़ों की मानें तो जिले में कुल 4476 सरकारी हैंडपम्प हैं, जिसमें से 1461 बंद हैं. वहीं विभाग द्वारा जिले के गांवों में 2400 सिंगल पॉवर फेस पंप लगाए गए हैं जो जलस्तर गिरने से बंद पड़े हैं.

नल जल योजना का नहीं मिला पूरा लाभ
पूरे जिले के 140 गांवों में नल जल योजना चल रही है. जिसमें बिजली संकट, पम्प में खराबी, टंकी में अव्यवस्था, पाइप लाइन लीकेज जैसे समस्या होने के कारण योजना का लाभ गांववालों को नहीं मिल पा रहा है. वहीं जिलेवासियों को अमोरा घाट से मीठा जल मिलने का सपना अधूरा ही रह गया.

किसानों को सावन से बड़ी आशा थी लेकिन दस दिन बीत जाने के बाद भी बारिश न होने से किसान बहुत परेशान हैं. वहीं धान व सोयाबीन की फसल भी सूख रही है.

Last Updated : Jul 27, 2019, 3:52 PM IST

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