छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Special: गर्मी से पहले जिम्मेदारों की लापरवाही पड़ सकती है भारी - Lack of water in Bemetra

बेमेतरा में लगातार नीचे गिरते भूजल स्तर के कारण पेयजल संकट गर्मी के शुरुआती दिनों में ही गहराने लगा है. इसके कारण लोगों को पेयजल संबंधी समस्याओं से रू-ब-रू होना पड़ रहा है. प्रशासन अगर गर्मी से पहले पेयजल प्रबंधन को लेकर उचित कदम नहीं उठाता है, तो आने वाले महीनों में जिले में पेयजल के लिए हाहाकार मच सकता है.

Water problem in Bemetra
शुरुआती दिनों में ही गहराने लगा पानी का संकट

By

Published : Mar 27, 2021, 6:03 PM IST

Updated : Mar 27, 2021, 6:38 PM IST

बेमेतरा: जिले के बांध में पानी कम हो रहा है. नदी-नालों में मुश्किल से कुछ दिनों के लिए ही पानी बचा हुआ है. जिले में 300 से अधिक सरकारी हैंडपंप और 150 पावर पंप बंद पड़े हुए हैं. आलम यह है कि जिले में स्वच्छ जल प्रदाय योजना के तहत चलने वाली 10 परियोजनाओं में 9 ठप पड़ी हुई हैं.

गर्मी के शुरुआती दिनों में ही गहराने लगा पानी का संकट

ग्रामीणों ने नदी पर बनाया बांध

नवागढ़ और बेमेतरा की सीमा पर अंधियारखोर में बहने वाली जीवनदायिनी हांफ नदी का जलस्तर घट रहा है. जिससे ग्रामीण परेशान नजर आ रहे हैं. ग्रामीणों ने पानी के जल स्तर को बचाए रखने के कारण हांफ नदी में बांध का निर्माण कर दिया है. जिससे कम से कम एक महीने तक निस्तारी के लिए पानी बच सकता है.

नवागढ़ ब्लॉक में गंभीर पेयजल संकट

नवागढ़ ब्लॉक को ड्राई जोन कहा जाता है. बीते 20 वर्षों से सूखे की मार झेल रहा है. इस क्षेत्र में 200 फीट तक पानी संभव नहीं है. इलाके में किसान सिर्फ बरसात में ही फसल उत्पादन कर पाते हैं. नवागढ़ क्षेत्र के मारो नांदघाट नारायणपुर क्षेत्र में भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है. इसके कारण लोगों को पेयजल संबंधी समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है.

बांध में है 89 फीसदी पानी

बेमेतरा जिला में कुल 14 बांध हैं. इसमें बेरला ब्लॉक में 7, नवागढ़ ब्लॉक में 2 और बेमेतरा ब्लॉक में 5 बांध है. इन बांधों में शिवनाथ नदी से जलभराव किया जाता है. सभी बांधों की जलभराव की कुल क्षमता 29.16 घनमीटर है. इसमें 26.16 घनमीटर यानी 89% वर्तमान में पानी उपलब्ध है. जिले के चोरभट्टी, खम्हरिया, चक्रवाय, पौसरी और मऊ एनीकट में 100 फीसदी जलभराव है. ताकम, बहेरघट, रांका, अमोरा, चेटूआ बांध में 75 फीसदी जलभराव है.

रेस्क्यू टीम ने जंगल में कोबरा को पिलाया बोतल से पानी, वीडियो वायरल

जिला मुख्यालय के 10 वार्ड में पेयजल संकट

बेमेतरा जिला मुख्यालय में पानी की समस्या बनी हुई है. नगर पालिका सीएमओ होरी सिंह ठाकुर बताते हैं, नगर में कुल 21 वार्ड है. इसमें 10 वार्ड पानी की समस्या से जूझ रहा है. बाकी वार्डों में भी भू-जल स्तर नीचे चले जाने से पानी की समस्या बरकरार है. फिलहाल टैंकरों के माध्यम से पानी सप्लाई की जा रही है. पेयजल संबंधी समस्या से निजात दिलाने के लिए राशि स्वीकृत कर प्रबंध का काम कराया जा रहा है.

जानवरों के लिए भी नहीं बचा पानी

भाजपा के किसान नेता दीपक तिवारी के मुताबिक बेमेतरा जिले में 600 के करीब हैंडपंप बंद पड़े हुए हैं. नदी नाले तालाब सूखे पड़े हुए हैं. पेयजल की समस्या शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जानवरों के लिए भी पानी नहीं है. इससे बड़ी परेशानी होगी. समय रहते जिला प्रशासन को ध्यान देना जरूरी है.

SPECIAL: 4 बड़े जलाशयों के बावजूद प्यासा है बालोद जिला, एक हैंडपंप के भरोसे डौंडीलोहारा का भीम कन्हार गांव

गर्मी में पानी की नहीं होगी कमी: जिला प्रशासन

बेमेतरा जिला के जल संसाधन विभाग के मुख्य कार्यपालन अभियंता कुलदीप नारंग ने बताया कि जिले के बांधों में 80 फीसदी से अधिक जलभराव से पानी की कोई समस्या नहीं है. तांदुला जलाशय से पानी छोड़ दिया गया है. इससे और गर्मी में पानी की कोई समस्या नहीं होगी. इस संबंध में बेमेतरा कलेक्टर शिव अनन्त तायल ने कहा कि गर्मी से पहले जिला प्रशासन ने संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं. हाल ही में तांदुला जलाशय से पानी छोड़ा गया है.

Last Updated : Mar 27, 2021, 6:38 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details