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Paddy wasted in Bemetara: बेमेतरा में बेमौसम बारिश से धान की बर्बादी, धान संग्रहण केंद्रों में व्यवस्थाओं की खुली पोल - mismanagement in paddy procurement

छत्तीसगढ़ में बेमौसम (unseasonal rain chhattisgarh) बारिश की वजह से धान खरीदी केंद्रों में हजारों क्विंटल धान बर्बाद (Paddy wasted in Bemetara) होने के कगार पर है. यहां खुले में रखे गए धान बारिश और ओलावृष्टि में भीग गए हैं. गेंहू, चना और सब्जियों के साथ कई और फसलों के खराब होने का खतरा भी मंडरा रहा है.

unseasonal rain chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में बेमौसम बारिश

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Published : Dec 29, 2021, 4:58 PM IST

बमेतरा: छत्तीसगढ़ में तीन दिनों से जारी बेमौसम बारिश (unseasonal rain chhattisgarh) और ओलावृष्टि से धान की (Paddy wasted in Bemetara) बर्बादी का खतरा बढ़ गया है. जिले के धान खरीदी केंद्रों में बारिश ने बदइंतजामी की पोल खोलकर रख दी है. धान के कई फड़ गीले हो चुके हैं. जिससे धान सड़ सकता है.

बेमेतरा में बारिश से धान की बर्बादी

जिले के 123 धान खरीदी केंद्रों के धान हो सकते हैं खराब !

बेमेतरा के करीब 123 धान खरीदी केंद्रों (Paddy procurement centers of Bemetara) में रख रखाव की व्यवस्था अच्छी नहीं है. मौसम विभाग ने 30 दिसंबर तक बारिश की संभावना जताई है. ऐसे में अगर लगातार बारिश होती रही तो करीब 102 सेवा सहकारी समितियों में धान खराब हो सकता है. जिले में 123 धान खरीदी केंद्रों में कुल 3 लाख 65 हजार मीट्रिक टन धान रखा हुआ है. समय रहते कोई इंतजाम नहीं किया गया तो बारिश में यह धान भीग (Paddy purchased in Chhattisgarh) सकता है.

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धीमी गति से धान परिवहन बनी मुसीबत

धान खरीदी के बाद धान के परिवहन की सुस्त व्यवस्था (Slow system of transportation of paddy) की वजह से धान खरीदी केंद्रों में धान का स्टॉक जमा है. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने धान खरीदी में कुप्रबंधन को उजागर (mismanagement in paddy procurement) कर दिया है. ऐसे में अगर समय रहते जल्द से जल्द धान का उठाव नहीं हुआ तो ज्यादा से ज्यादा धान बर्बाद हो सकता है.

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बारिश से कई और फसलें खराब

बारिश के साथ साथ ओलोवृष्टि ने कई किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. गेहूं, चना की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. इसके साथ-साथ सब्जियों की फसलें भी बर्बाद हुई है.

बारिश से अन्य फसलों को हुआ नुकसान

बेमेतरा में इन फसलों को बेमौसम बारिश से हो सकता है नुकसान

  • कुल 46 हजार हेक्टेयर से ज्यादा में गेंहू की खेती है. जो बेमौसम बारिश से प्रभावित हो सकती है
  • 65 हजार हेक्टेयर में चने की फसल उगाई गई है. जो बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हो सकती है
  • 1300 हेक्टेयर में मटर की खेती की गई है. जो खराब होने के कगार पर है
  • 3050 हेक्टेयर में मसूर की खेती की गई है. जो प्रभावित हो सकती है.
  • सब्जी और फलों की खेती को भी बारिश से नुकसान पहुंचा है.

बारिश से फसलों के असल नुकसान का आंकड़ा सर्वे से पता चल सकता है. इसके अलावा बेमेतरा के नगपुरा में 6 बकरियों की मौत बारिश और ओलावृष्टि की वजह से हुई है.

बेमेतरा के बारिश प्रभावित इलाके

  • देवरी गोपालपुर
  • छिरहा
  • नवागांव
  • कठौतिया
  • दाढ़ी
  • उमरिया
  • अगरी
  • ओड़िया
  • नगपुरा
  • मजगांव
  • अंधियारखोर
  • नवागढ़

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