बेमेतरा: जिले में लगातार धान की बर्बादी हो रही है. लेकिन प्रशासन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है. धान खरीदी खत्म होने के बाद अब भी उपार्जन केंद्रों से धान का परिवहन नहीं हो पाया है. लिहाजा संग्रहण केंद्रों पर धान बारिश की भेंट चढ़ रहा है.
खुले में रखा धान खराब होने की कगार पर 1 लाख क्विंटल से अधिक धान का उठाव बाकी
बेमेतरा में 91 सेवा सहकारी समितियों के 113 उपार्जन केंद्रों में 1 लाख 13 हजार 998 क्विंटल धान का परिवहन वर्तमान में बचा हुआ है. वहीं उपार्जन केंद्रों में खुले में रखे धान धूप और बारिश से बर्बाद हो रहे हैं. वहीं जिम्मेदारों द्वारा समय रहते उठाव नही होने के कारण सेवा सहकारी समितियों को शॉर्टेज की समस्या से गुजरना पड़ेगा. जिससे समितियों को घाटा होना तय है.
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मानसून से पहले नहीं हुआ उठाव
जब खरीदी के 4 महीने बाद उपार्जन केंद्रों से धान परिवहन नहीं हुआ तो सरकार ने ऑनलाइन धान नीलामी का आदेश दिया. जिससे जल्द परिवहन किया जा सके. परंतु इसके बाद भी सरकार धान को बारिश में भीगने से नहीं बचा पाई. जिले के नवागढ़ क्षेत्र के कुंरा रनबोड जैसे समितियो में धान सड़ रहे है जहां समितियों को बड़ा घाटा होना तय माना जा रहा है. यहां अब तक धान का परिवहन नहीं हो सका है.
बारिश के बीच में धान का परिवहन हुआ शुरू
सूखे के सीजन में परिवहन की अपार सफलता के बाद अब भारी बारिश से धान परिवहन प्रारंभ किया गया है. जहां दर्जनों सेवा सहकारी समितियों में पानी जमा होने के कारण वाहन अंदर नहीं जा पा रहा है. वहीं ट्रैक्टरों के माध्यम से धान को सड़क तक लाकर ट्रकों में लादा जा रहा है. जिससे परिवहन संभव हो पा रहा है. वहीं भरे बारिश में परिवहन में तरह तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
एक सप्ताह में परिवहन होगा पूरा: नोडल अधिकारी
इस संदर्भ में नोडल अधिकारी राजेन्द्र वारे ने बताया कि बारिश के कारण परिवहन में देरी हुई है. परिवहन दोबारा शुरू किया गया है. सप्ताह भर के भीतर धान का उठाव कर लिया जाएगा.