बेमेतरा: जिले की सेवा सहकारी समितियों से खरीदे गए धान संग्रहण केंद्र तक तो जरूर पहुंच चुके हैं, लेकिन राइसमिल तक नहीं पहुंच पाए हैं. वहीं प्रदेश में जल्द ही मानसून लगने वाला है, जिससे संग्रहण केंद्र में खुले में रखे धान पर बारिश का खतरा मंडरा रहा हैं. प्रशासन को मानसून से पहले 3 लाख 50 हजार क्विंटल धान का परिवहन करना है, जो एक चुनौती बनी हुई है.
हल्की बारिश ने खोली प्रशासन की पोल, सैकड़ों कट्टा धान भीगा
प्रदेश में जल्द ही मानसून लगने वाला है, जिससे संग्रहण केंद्र में खुले में रखे धान पर बारिश का खतरा मंडरा रहा हैं. प्रशासन को मानसून से पहले 3 लाख 50 हजार क्विंटल धान का परिवहन करना है, जो एक चुनौती बनी हुई है.
मंगलवार की दोपहर हुई आधे घंटे की बारिश और आधी तूफान में सैकड़ों कट्टा धान भींगकर खराब हो चुके हैं, जिसके बाद भी प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. विभाग परिवहन में तेजी लाने की बजाय धानों के पर्याप्त कैप कवर होने और मानसून से पहले सप्लाई होने की बात कह रहा है.
70 गाड़ियों से हो रहा धान का परिवहन
जिला धान संग्रहण केंद्र सरदा के प्रभारी हितेश शर्मा ने बताया कि इस साल धान का भंडारण 11 लाख 61 हज़ार क्विंटल था, जिसमें से 8 लाख 5 हजार क्विंटल धान का परिवहन हो चुका है. 3 लाख 50 हजार क्विंटल धान का परिवहन शेष है. यहां प्रतिदिन 70 गाड़ियों से धान परिवहन हो रहा है. 15 जून तक परिवहन पूरा कर लिया जाएगा.