बेमेतरा:नए वर्ष की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. जल्द ही नए साल का आगाज होने वाला है. नए साल के मौके पर अधिकतर लोग कहीं न कहीं घूमने जाने का प्लान बनाते हैं. हर कोई बेहतर और खूबसूरत जगह में नया साल सेलिब्रेट करना चाहता है. अगर आप भी घूमने के शौकीन हैं और नए साल के मौके पर अच्छे डेस्टिनेशन की तलाश में हैं तो आप भी छत्तीसगढ़ का रूख कर सकते हैं.
बेमेतरा में कई टूरिस्ट स्पॉट: छत्तीसगढ़ में कई ऐसे स्थान हैं जो घूमने के लिए बेहतर जगहों में से एक हैं. वहीं, बेमेतरा जिले में कई ऐसे टूरिस्ट स्पॉट हैं, जहां जाकर आपको ये ऐहसास जरूर होगा कि प्राकृतिक सुंदरता से बढ़कर कोई चीज नहीं है. बेमेतरा जिले के देवकर के पास सहसपुर में प्राचीन शिव मंदिर, देवरबीजा का प्राचीन सीतादेवी मंदिर और जौंग का रंग बदलने वाला शिव मंदिर प्रसिद्ध है. इसके अलावा पर्यटक जिले बेमेतरा शहर में माता भद्रकाली, नवागढ में शमी गणेश के दर्शन कर नांदघाट के गिधवा परसदा जलाशय में पक्षी विहार का लुप्त उठा सकते है.
सहसपुर का प्राचीन जुड़वा शिव मंदिर: बेमेतरा जिला के देवकर के पास सहसपुर का जुड़वा शिव मंदिर वास्तुकला से भरपूर है. फणी नागवंशी राजाओं के शासनकाल में बने जुड़वा मंदिर प्रतिनिधि स्मारकों में से एक है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि कवर्धा के फणी नागवंशी राजाओं ने 13वीं और14 वीं शताब्दी में इसे बनवाया है. मंदिर जुड़वा मंदिर पूर्वाभिमुख है. एक मंदिर के गर्भगृह में स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है. दूसरे मेंं प्रतिमा नहीं थी, वहीं बाद में गांव वालों ने हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित की है. मंदिर में गर्भगृह और मंडप है. नागर शैली में आमलक और कलश युक्त शिखर है. मंडप का धरातल, गर्भगृह से लगभग 4 फीट ऊंचा है. शिव मंदिर के मंडप में पत्थर से बने 16 पिलर हैं. प्रत्येक पिलर में नाग उकेरे गए हैं. मंदिर के प्रवेश द्वार में चतुर्भुजी शिव और दाएं छोर पर ब्रह्मा और बाएं छोर पर विष्णु की प्रतिमा विराजमान है. गर्भगृह में जलधारी शिवलिंग है, जिसकी ऊंचाई लगभग 6 फीट और मोटाई 4 फुट है. गर्भगृह के सामने मंडप है. दरवाजे की कलाकृति भोरमदेव मंदिर कबीरधाम के समान है.