इस मशीन को मिनी राइस मिल का नाम दिया गया है. बेरोजगारों के लिए सस्ते दाम पर रोजगार का अच्छा साधन विकसित हो, इसलिए इस मशीन का आविष्कार किया गया है. इस मशीन की विशेषता है कि ये साइज और दाम में छोटी है और काम में बहुत बड़ी है. इस मशीन को रायपुर के अमन पोद्दार (बी टेक एमबीए ऑस्ट्रेलिया) ने बनाया है. जो पहले इसी काम से जुड़ी कंपनी में दुबई में काम करते थे. इनकी कंपनी बड़ी संख्या में बांग्लादेश में मशीन का सप्लाई करती थी.
हर गांव में होगा लघु कृषि उद्योग, इस मशीन से अब किसानों की आय होगी दुगुनी - रविन्द्र चौबे
बेमेतरा: सामान्य सी दिखने वाली ये मशीन 'मिनी राइस मिल' है. ये मशीन 3 in 1 है, जिसमें धान, चना, गेंहू, मक्का, चावल, चना दाल, हल्दी, मसाले, लाल मिर्च, धनिया की पिसाई की जा सकती है. नगर में आयोजित राज्यस्तरीय कृषि कल्याण मेला प्रदर्शनी में इसका प्रदर्शन किया गया. इस मशीन का कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने शुभारंभ किया.
अमन पोद्दार नौकरी छोड़ भारत में इस मशीन को लेकर आये. इस मशीन में पूरी तरह से भारतीय समाग्री का उपयोग किया गया है. अमन ने बताया देसी सामग्री हमारे देश में विकसित करना हमारा लक्ष्य था. ये मशीन नो मेन्टेनेंस मशीन है, जिसकी लागत 1 लाख 11 हजार रुपए है. जिसमें शासन द्वारा 70 हजार का अनुदान दिया गया है, जिसके बाद ये मशीन किसानों को लगभग 41 हजार रुपए की पड़ रही है.
पवन पोद्दार ने बताया कि लोगों को इस मशीन से सस्ता व्यवसाय मिला है. मुंगेली जिले के जितेंद्र साहू ने बताया कि यह मशीन उन्होंने ली है, जिसका लाभ लोगों को मिलेगा और सभी को रोजगार के साधन मिलेंगे.