बेमेतरा: बेमेतरा के बिरनपुर गांव में 8 अप्रैल को बच्चों के हुए विवाद दो गुटों में संघर्ष हुआ. इस हिंसा में भुनेश्वर साहू की मौत हो गई. 15 अप्रैल को युवक भुनेश्वर साहू का दशगात्र हो गया. लेकिन अब इस मामले में सोशल मीडिया पर भुनेश्वर साहू को इंसाफ के लिए जंग शुरू हो चुका है. हैशटैग जस्टिस फॉर भुनेश्वर साहू कर लोग भुनेश्वर के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं.
8 अप्रैल को भड़की थी हिंसा: बेमेतरा में 8 अप्रैल को हिंसा भड़की थी. यहां दो बच्चों के बीच साइकिल चलाने को लेकर विवाद हुआ. फिर इस विवाद में दो गुटों के बीच तनातनी शुरू हो गई. जिसके बाद हिंसा भड़की. दोनों समुदाय इस हिंसा में शामिल हो गए. एक दूसरे से यह मारपीट करने लगे. जिसमें एक युवक भुनेश्वर साहू की मौत हो गई. बाद में इस हिंसा को लेकर 10 अप्रैल को विश्व हिंदू परिषद ने छत्तीसगढ़ बंद बुलाया. पूरे राज्य में जन जीवन प्रभावित रहा. बीजेपी ने इस बंद का सपोर्ट किया था.
10 अप्रैल को फिर हुई हिंसा:वीएचपी के 10 अप्रैल को बुलाए छत्तीसगढ़ बंद में फिर बेमेतरा सुलग उठा. एक बार फिर से बिरनपुर गांव में हंगामा हआ. यहां एक घर को प्रदर्शन कर रहे लोगों ने फूंक दिया. जिसमें सिलेंडर ब्लास्ट हो गया. बिरनपुर में बवाल के बीच साजा में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को प्रशासन ने रोका. नेताओं के बिरनपुर जाने पर पाबंदी लगाई गई. 11 अप्रैल को बिरनपुर गांव से दो शव मिले. यह शव पिता पुत्र के बताए गए. 10 अप्रैल को बिरनपुर में हिंसा के आरोप में पुलिस ने 14 अप्रैल को पांच लोगों को गिरफ्तार किया.
15 अप्रैल को भुनेश्वर साहू का किया गया अंतिम संस्कार: 15 अप्रैल को भुनेश्वर साहू का दशगात्र किया गया. करीब 8 अप्रैल से लेकर 15 अप्रैल तक बिरनपुर गांव में पुलिस ने डेरा जमाए रखा. पुलिस सुरक्षा में भुनेश्वर साहू का दशगात्र संपन्न कराया गया. बिरनपुर गांव में धीरे धीरे स्थिति सामान्य हो चुकी है. लेकिन भुनेश्वर साहू को न्याय दिलाने के लिए अब लोग आ रहे हैं. परिवार वालों ने भी सीएम से इंसाफ की गुहार लगाई है. परिवार ने मुआवजे और नौकरी नहीं इंसाफ की मांग की है.