जगदलपुर: विकास के नाम पर पेड़ों की कटाई रोकने और पर्यावरण संरक्षित करने के लिए एक अनोखी पहल शुरू की गई है. नगर निगम की तरह से पेड़ शिफ्टिंग का काम कारगर साबित हो रहा है. छत्तीसगढ़ के इकलौते संभाग बस्तर में शुरू किए गए पेड़ शिफ्टिंग के कार्य में निगम को सफलता मिली है. दरअसल धरमपुरा इलाके में सड़क चौड़ीकरण के दौरान 72 पेड़ों की कटाई का फैसला इसी साल फरवरी महीने में लिया गया था.
शिफ्ट किए गये पेड़ों में दिखने लगी हरियाली शिफ्टिंग के बाद दिखी हरियाली
शहर के पर्यावरण प्रेमियों ने कटाई को लेकर जन आंदोलन शुरू किया और इसका असर यह हुआ कि पेड़ों की शिफ्टिंग का निर्णय निगम प्रशासन को लेना पड़ा. फरवरी में इसकी प्रक्रिया शुरू की गई. वहीं पहले चरण में धरमपुरा सड़क के 72 पेड़ों में से 38 पेड़ों को दलपत सागर के किनारे शिफ्ट किया गया है. सभी शिफ्ट किए गए पेड़ों में हरियाली भी दिखने लगी है.
दरअसल छत्तीसगढ़ के नगर निगमों में जगदलपुर पहला नगर निगम है. जहां सड़क के चौड़ीकरण के लिए पेड़ों की शिफ्टिंग हो रही है. पेड़ों को एक जगह से दूसरी जगह पर लगाने का यह काम काफी कारगर साबित हो रहा है. सालों पुराने विशालकाय पेड़ों को मशीन और एक्सपर्ट की मदद से जड़ से उखाड़कर शिफ्टिंग करके, दूसरे जगहों पर रोपा जा रहा है. ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे.
वहीं कुल 72 पेड़ों को शिफ्ट किया जाना है और इनमें से 38 पेड़ दलपत सागर के किनारे शिफ्ट की गई है. खास बात यह है कि पेड़ों की शिफ्टिंग का प्रयोग सफल होता दिख रहा है. शहर के प्रकृति प्रेमी भी इस सफलता से खुश है और उनका कहना है कि इस तरह के प्रयास आगे भी होने चाहिए ताकि शहर में हरियाली बरकरार रहे. इधर धरमपुरा रोड से पहले चरण में जिन पेड़ों की शिफ्टिंग हुई थी. उनके बाद बचे पेड़ों की शिफ्टिंग कालीपुर तालाब के किनारे की जा रही है.
शिफ्ट किए गये पेड़ों में दिखने लगी हरियाली दिल्ली की कंपनी
इधर पेड़ों की शिफ्टिंग किए जाने से जहां पेड़ों की कटाई पर रोक लग गई है तो वही इस वजह से पर्यावरण को भी फायदा पहुंच रहा है. पेड़ों की शिफ्टिंग के लिए दिल्ली से आई विनिका हॉर्टिकल्चर लैंडस्केप कंपनी के कुल 7 सदस्य की टीम इस कार्य में लगी हुई है.
इस कंपनी के तरफ से अब तक देशभर में 15 हजार से अधिक पेड़ों की शिफ्टिंग की जा चुकी है. इस कार्य के दौरान सबसे पहले पेड़ों को ट्रेडिंग किया जाता है. उसके बाद उसमें बैलेंस बनाया जाता है. ताकि पेड़ गिरे नहीं. इसके अलावा पेड़ों को ट्रीटमेंट करने के बाद पेड़ पर फर्टिलाइजर लगाया जाता है. इसके साथ ही वर्मी कंपोस्ट का उपयोग कर रूटेक्स का इस्तेमाल किया जाता है. ताकि पेड़ को हारमोंस मिले और पेड़ जल्द सरवाइव कर सके.
मार्च महीने में शिफ्टिंग किए गए 38 पेड़ों में से कुछ पेड़ों में अब हरियाली दिखनी शुरू हो गई है. बकायदा पेड़ सरवाइव करते नजर आ रहे हैं. इधर अनुमान लगाया जा रहा था कि लाखों रुपए खर्च कर जिस तरह से पेड़ों को शिफ्टिंग करने का कार्य किया जा रहा है. ऐसे में कटे हुए पेड़ क्या फिर से एक बार सरवाइव कर पाएंगे, लेकिन निगम द्वारा किए गए इस प्रयास को सफलता मिलती दिख रही है.