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छत्तीसगढ़ का सरकारी स्कूल दे रहा निजी स्कूलों को मात

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Published : May 18, 2022, 8:00 PM IST

Updated : May 20, 2022, 3:22 PM IST

कवर्धा का एक सरकारी स्कूल अपने अनुशासन और पढ़ाई के लिए पूरे जिले में प्रसिद्ध (government school is beating private schools) है. इस स्कूल में पिछले 5 सालों में कोई भी बच्चा फेल नहीं हुआ. साथ ही साथ इस साल 12वीं में सभी बच्चे प्रथम श्रेणी में पास हुए.

This government school is beating private schools
ये सरकारी स्कूल दे रहा है निजी स्कूलों को मात

कवर्धा : जिले में एक ऐसा शासकीय स्कूल जो पिछले पांच वर्षों के बोर्ड परीक्षा में लगातार शत प्रतिशत परिणाम लेकर छत्तीसगढ़ में अपनी अलग पहचान बना रहा है. शिक्षक और बच्चों की माने तो छुट्टी के दिनों में भी कक्षा संचालित होती है. जिसकी वजह से दसवीं कक्षा में पिछले पांच वर्षों से एवं बारहवीं कक्षा में पिछले तीन वर्षों से लगातार शत प्रतिशत परिणाम हासिल हो रहे हैं. यही नही इस स्कूल में पिछले तीन वर्षों से बारहवीं के सभी छात्र छात्रा प्रथम श्रेणी से भी उत्तीर्ण हो रहें हैं. जिसको लेकर जिलेभर में सराहना हो रही (Government school education failed private school ) है.

छत्तीसगढ़ का सरकारी स्कूल दे रहा निजी स्कूलों को मात

कैसे आता है शत प्रतिशत रिजल्ट :छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित कक्षा दसवीं और बारहवीं में एक शासकीय स्कूल का लगातार पांच वर्षों से शत प्रतिशत परिणाम लाना किसी बड़ी चुनौती से कम नही है. आज दौर में लोग बेहतर परिणाम के लिए अपने बच्चों को ज्यादातर निजी स्कूलों में पढ़ाते हैं. लेकिन कवर्धा जिले के कापादाह शासकीय उच्चर माध्यमिक विद्यालय (Kapadah Government Higher Secondary School) ने अपने परिणाम से सबको हैरान कर दिया है. जो परिणाम प्रदेश के बड़े बड़े निजी स्कूल नही ला सकते. पिछले पांच वर्षों के परिणाम ये बताने के लिए काफी है कि यह स्कूल निजी स्कूलों को मात दे रहा है. इस स्कूल के शिक्षक और बच्चों के कड़ी परिश्रम और लगन ने लोगों को शासकीय स्कूलों में पढ़ाई करने का शानदार नमूना पेश किया है.

क्यों है स्कूल खास :शत प्रतिशत परिणाम के पीछे खास बात ये है कि इस स्कूल में अध्यापन करने वाले शिक्षकों की लगन. जो स्कूल के दिनों में तो स्कूल पहुंचते ही हैं. इसके अलावा त्यौहारों और शासकीय छुट्टी के दिन भी बराबर कक्षा संचालित करते हैं ताकि बच्चों का कोर्स पूरा हो सके. दोबारा कोर्स पढ़ने में समय मिल सके. वहीं बच्चों की माने तो इस परिणाम के पीछे शिक्षकों की कड़ी मेहनत है जिन्होंने बच्चों को बाहर कोचिंग करने नहीं दिया.

किस दिन मिलती है छुट्टी : साल में सिर्फ होली और दीवाली के दिन ही स्कूल का स्टाफ छुट्टी मनाता हैं. यही कारण है कि इस वर्ष कक्षा दसवीं में कुल 163 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए और सभी उत्तीर्ण हुए. इसी प्रकार कक्षा बारहवीं में कुल 87 बच्चे परीक्षा में शामिल हुए और सभी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होकर स्कूल के साथ जिले का नाम रोशन किया. कक्षा दसवीं में वर्षारानी बंजारे ने 91.1प्रतिशत हासिल कर स्कूल में टॉप किया तो वहीं बारहवीं में अंजुलता ने 89.1 प्रतिशत प्राप्त किया. वहीं शाला विकास समिति की ओर से इस परिणाम का पूरा श्रेय शिक्षकों को दिया जा रहा है.

Last Updated : May 20, 2022, 3:22 PM IST

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