बेमेतरा : बाजार पारा में मां भद्रकाली का दिव्य दरबार है जो कई साल पुराना है. कहा जाता है भद्रकाली मंदिर के स्थान पर पहले भैरव बाबा का मंदिर हुआ करता था, जिसे हटाकर भद्रकाली मंदिर बनवाया गया. नगर के लोग बताते हैं नगर के लेखराज शर्मा के सपने में आकर देवी भद्रकली ने अपने होने का जिक्र किया था.जिसके बाद श्रद्धालुओं ने वहां माता का मंदिर बनवाया और सपने में दिए गए स्थान से देवी की प्रतिमा लाकर मंदिर में स्थापित किया. यहीं कारण है कि बेमेतरा नगर को मां भद्रकाली की नगरी या भद्रकाली की धरा कहा जाता है.
Bemetara Bhadrakali Temple बेमेतरा में भद्रकाली ने खुद बनवाया मंदिर - Bemetara Bhadrakali Temple
बेमेतरा के हृदय स्थल बाजार पारा में माता भद्रकाली का दिव्य दरबार है. जो नगर की कुलदेवी है. नवरात्र पर्व ही नहीं बल्कि 12 महीने यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. वहीं इस मंदिर में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से माथा टेकता है उसकी मनोकामना जरूर पूर्ण होती है.अपनी विशालता और भव्यता के कारण यह मंदिर जिले में अपनी अलग पहचान रखता है. जो जिलेवासियों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है.
![Bemetara Bhadrakali Temple बेमेतरा में भद्रकाली ने खुद बनवाया मंदिर Glory of Bemetara Bhadrakali Temple](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-17725605-thumbnail-4x3-image-aspera.jpg)
हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक भद्रकाली धाम : बाजार पारा मुस्लिम बाहुल्य वार्ड है. जहां मंदिर के ठीक सामने मस्जिद है. यहां हिंदू मुस्लिम भाईचारे से रहते हैं. बताया जाता है कि पहले माता भद्रकाली मंदिर टापू पर था. 1980 में मंदिर को नगरवासियों ने भव्य रूप दिया. मंदिर की भव्यता के चर्चे पूरे प्रदेश में है. देवी मंदिर के शीर्ष में कैलाश पर्वत का दिव्य स्वरूप है. जहां भगवान शिव और माता पार्वती पूरे परिवार के साथ विराजमान हैं. वहीं मंदिर के नीचे गंगा तालाब है. मंदिर के बाजू में ही हनुमान जी का मंदिर भी है. इसके अलावा मंदिर के पास ही एक मस्जिद है जो हिन्दू-मुस्लिम की एकता, प्रेम और भाईचारे को दिखाती है.
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हर मुराद होती है पूरी : बेमेतरा स्थित माता भद्रकाली मंदिर मैं माता के दर्शन से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है. यही कारण है कि इस मंदिर में रोज भक्तों का तांता लगा रहता है. मंदिर के पुजारी राजू पांडे ने बताया कि '' यह मंदिर बेमेतरा का प्रसिद्ध मंदिर है जहां पूरे प्रदेश भर से श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं.'' वही मंदिर संस्था के वरिष्ठ सदस्य राजकुमार ठाकुर ने बताया कि '' मंदिर 70 वर्ष पुराना है धीरे -धीरे नगरवासियों ने इसका निर्माण कराया है. इस मंदिर में भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है तो प्रदेश भर से यहां श्रद्धालु अपनी मन्नत लेकर पहुंचते हैं. वही मंदिर समिति के अध्यक्ष उत्तमचंद माहेश्वरी ने कहां कि मंदिर में निर्माण कार्य का विस्तार किया जा रहा है जहां शिव मंदिर पार्वती मंदिर भी बनाया जा रहा है.''