बेमेतरा: जिले का पहला ओडीएफ ग्राम बटार मूलभूत सुविधाओं के लिहाज से सबसे ज्यादा विकसित है. यह गांव विकास कार्यों के मद्देनजर पूरे जिले में अपनी अलग पहचान बना चुका है. स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांव के हर घर में शौचालय बनाए गए हैं.
पहला ओडीएफ गांव बटार बना आर्दश ग्राम जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत बटार के अंतर्गत 3 आश्रित गांव हैं, जिसकी जनसंख्या 1456 है और 945 मतदाता हैं.
सरपंच के 3 कार्यकाल में हुए 6 करोड़ के काम
ग्राम पंचायत बटार में निवर्तमान सरपंच राजेश दत्त दुबे के पिछले 3 कार्यकाल में लगभग 6 करोड़ के विकास कार्य हुए हैं. गांव में चमचमाती सड़क हायर सेकंडरी तक स्कूल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ,गौठान, धान खरीदी केंद्र और कई मूलभूत सुविधाएं हैं.
स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता पर बन चुकी है फिल्म
जिले के दाढ़ी से सटे संकरी नदी के तट पर बसे ग्राम बटार का साफ-सफाई एवं स्वच्छता अभियान को लेकर अपनी अलग पहचान है. गली-मोहल्ले में नियमित साफ सफाई होती है. साथ ही गांव में एसबीएम को लेकर फिल्म भी बनाई जा चुकी है.
स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस गांव मूलभत सुविधाओं से परिपूर्ण गांव
बटार गांव में बहने वाली जीवनदायिनी बारहमासी सकरी नदी के कारण गांव का जल स्तर काफी अच्छा है. वही गांव में तालाब-डबरी का निर्माण भी कराया गया है. गौठान में पेयजल आपूर्ति के लिए सोलर पंप लगाकर जलापूर्ति की जा रही है और लोगों के स्वच्छ जल देने के लिए 5 पानी टंकी का निर्माण भी कराया गया है ताकि घर-घर स्वच्छ पानी मिल पाए. गांव में कूड़ेदान की भी व्यवस्था है. साथ ही धान उपार्जन केंद्र भी है, जिससे किसानों को काफी सहूलियत होती है.
गौठान से महिलाओं को मिला रोजगार गौठान से महिलाओं को मिला रोजगार
15 एकड़ में बने गौठान में महिला समूह को भी जोड़ा गया है. महिलाएं इसमें डे केयर के रूप में वे काम कर रही हैं. साथ ही गो मूत्र से खाद भी तैयार किया जा रहा है, जिससे उनकी आजीविका भी चल रही है और महिलाएं स्वावलंबी भी बन रही हैं.
विकसित गांव बना बटार गांव