बेमेतरा: जिले के किसानों को अब धान की फसल में ब्लास्ट खैरा और रोग शीत ब्लाइड का प्रकोप सता रहा हैं, जिससे किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. वहीं अर्ली वेराइटी की धान की फसल में बालियां समय से पहले निकल रही हैं, जिससे किसानों में उत्पादन प्रभावित होने का डर बना हुआ है.
धान के लिए काल बना ब्लास्ट खैरा रोग बता दें कि लोलेसरा, बैजी, अंधियारखोर और नवागढ़ क्षेत्र में धान की फसलों में ब्लास्ट रोग का प्रकोप शुरू हो गया है, जो एक हवा से प्रवाहित होने वाला फफूंदी रोग है. ये बीमारी फसलों को तेजी से कमजोर करता है, जिससे पौधे लाल-पीला दिखाई देने लगते हैं. इससे बचने के लिए किसान कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव कर रहे हैं, जिससे फसल को बर्बाद होने से बचा सकें.
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बीमारी आने के बाद किसान परेशान
किसान पंकज सप्रे ने बताया कि 5 एकड़ के फसल में सरना धान की फसल है, जिसमें ब्लास्ट का प्रकोप है. 2 बार दवा छिड़काव के बाद भी राहत नहीं है. यह बीमारी धीरे-धीरे खेतों मे फैल कर धान को खराब कर रहा है.
फफूंदनाशक दवाओं का छिड़काव जरूरी
कृषि SDO एस सोलंकी ने बताया कि 'धान के फसल में कांशा के स्टेज में यह बीमारी आती है, इसके इलाज के लिए फफूंदनाशक दवाओं का छिड़काव जरूरी है. किसान ट्रेसक्लोजोल, हेकजाकोनाजोले दवाई का स्प्रे करें'. उन्होंने बताया कि 'इस बीमारी का प्रकोप फसल में दूध भराई के समय बढ़ जाता है, जो फंगी रोग है. वायु संक्रमण इनके संचारक है. यह रोग कमजोर फसल को जल्दी निशाना बनाता है और धीरे-धीरे पूरे खेत पूरे इलाके में फैल जाता है'.