छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

बेमेतरा: अक्षय तृतीया पर दिखी प्राचीन परंपरा, मिट्टी के घड़े से अर्पित किया जल

अक्षय तृतीया को छत्तीसगढ़ में अपने अनोखे अंदाज में मनाया जाता है. कई क्षेत्रों में इस दिन लोग मंदिर देवालयों और बरगद, पीपल के पेड़ में मिट्टी के नए घड़े से जल अर्पित करते हैं.

akshaya-tritya-celebrated-in-bemetara
मिट्टी के घड़े से अर्पित किया जल

By

Published : Apr 27, 2020, 12:25 AM IST

बेमेतरा: छत्तीसगढ़ में त्योहारों को अपने परंपरागत तरीके से मनाने का अलग ही रिवाज है. यहां हर त्यौहार एक अलग रंग लेकर आता है. अक्षय तृतीया जिसे छत्तीसगढ़ में अक्ति के नाम से जाना है. इस त्यौहार को छत्तीसगढ़ में अपने अनोखे अंदाज में मनाया जाता है. इस दिन लोग मंदिर देवालयों और बरगद, पीपल के पेड़ में मिट्टी के नए घड़े (मटका) से जल अर्पित करते हैं.

अक्षय तृतीया पर दिखी प्राचीन परंपरा

प्रदेश में अक्षय तृतीया के दिन से शादी-विवाह और शुभ कामों की शुरुआत की जाती है. वहीं अक्षय तृतीया के दिन से ही मिट्टी के घड़े का उपयोग किया जाता है. मिट्टी के नए घड़े से लोग पहले भगवान को जल अर्पित करते हैं. फिर दूसरे कामों के लिए उसका उपयोग करते हैं.

आज भी कायम है परंपरा

लॉकडाउन की वजह से भले ही अक्षय तृतीया के अवसर पर शादी-विवाह नहीं हो रहे हैं, लेकिन लोग परंपरागत रूप से अक्षय तृतीया की सुबह से ही मंदिर देवालयों और बरगद, पीपल, नीम जैसे पेड़ों में जल अर्पण कर पूजा अर्चना करते दिखे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details