बेमेतरा: जिले में स्वच्छता बनाए रखने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. जिले को स्वच्छता के नाम पर राष्ट्रीय लेवल पर पुरस्कार भी मिल चुका है, लेकिन जिले के सैकड़ों आंगनबाड़ी केंद्रों में टॉयलेट की सुविधा नहीं है. ETV भारत ने जो आंकड़े जुटाए हैं, वह हैरान करने वाले हैं. जिले के 6 परियोजना कार्यालय के कुल 1,176 केंद्रों में से 772 आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय नहीं बनाया गया है. शौचालय के अलावा पेयजल और बिजली के बगैर भी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है. आंगनबाड़ी केंद्रों के हालत स्वच्छता की पोल खोल रहे हैं
जिले में 448 आंगनबाड़ी केंद्रों में नहीं है बिजली
बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा के विकास की नींव माने जाने वाले आंगनबाड़ियों की स्थिति जिले में दयनीय है. जिले में 75 फीसदी के करीब आंगनबाड़ी केंद्रों में अलग-अलग मूलभूत सुविधाओं की कमी है. हालांकि विभाग सुझावों को लेकर तरह-तरह के दावे कर रहा है. आलम यह है कि जिले के 448 केंद्रों में बिजली की सुविधा नहीं है. वहीं स्वीकृति मिलने के बाद भी 124 आगनबाड़ी भवन नहीं बन सके हैं. फिलहाल इन्हें किराए के भवनों से संचालित किया जा रहा है. केंद्रों के संचालन के लिए फंड स्वीकृत होने के बावजूद भी अधिकारी पेयजल, बिजली और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं के विस्तार में गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं.
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जिले में 97 आंगनबाड़ी केंद्रों का नहीं हो रहा संचालन
बेमेतरा जिले में कुल 1,176 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत हैं, जिसमें से केवल 1,079 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है. वहीं 97 केंद्र का संचालन नहीं हो पा रहा है, जिसमें अभी तक जिम्मेदारों ने कोई पहल नहीं की है.