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बलौदाबाजार: कामगारों को 6 महीने से नहीं मिला है भुगतान, नोडल अधिकारी से की शिकायत

बलौदाबाजार में गुरुवार को 16 मजदूर 6 महीने से मजदूरी का भुगतान नहीं होने की शिकायत लेकर जिला नोडल अधिकारी के पास पहुंचे, मजदूरों की फरियाद पर अधिकारी ने उन्हें 1 हफ्ते के अंदर मजदूरी भुगतान होने का आश्वासन दिया है.

workers complained to the Balodabazar Nodal Officer about non-payment of wages
मजदूरी भुगतान नहीं होने की शिकायत करने पहुंचे मजदूर

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Published : Jun 25, 2020, 2:29 PM IST

Updated : Jun 25, 2020, 3:56 PM IST

बलौदाबाजार :जिले के छेरकापुर सहकारी समिति के कोसमंदा खरीदी केंद्र में 16 मजदूरों ने 6 महीने तक काम किया है, जिसका भुगतान उनको अब तक नहीं मिल पाया है. मजदूरों का कहना है कि, इसकी शिकायत उन्होंने कई बार समिति के मैनेजर और अध्यक्ष से की है, लेकिन इसके बाद भी पेमेंट नहीं मिलने पर उन्होंने गुरुवार को सहकारी बैंक के जिला नोडल अधिकारी के पास पहुंचकर उनसे मजदूरी भुगतान नहीं होने की शिकायत की है. इस पर अधिकारी ने तत्काल समिति के अध्यक्ष और मैनेजर से बात कर 1 हफ्ते के अंदर मजदूरों को भुगतान होने का आश्वासन दिया है.

मजदूरों ने बलौदाबाजार नोडल अधिकारी से की शिकायत

कोरोना की मार से हर वर्ग प्रभावित है. हर वर्ग के लोगों को दो वक्त की रोटी कमाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में रोज कमाकर घर चलाने वाले मजदूरों के लिए यह एक बड़ी समस्या है.

मजदूरों को जल्द होगा पेमेंट का भुगतान

अपनी शिकायत में मजदूरों ने बताया है कि उन्होंने छेरकापुर सहकारी समिति के कोसमंदा खरीदी केंद्र में 1 दिसंबर 2019 से लेकर 10 जून 2020 तक मजदूरी की है, जिसमें 16 मजदूरों की मजदूरी राशि 1 लाख 57 हजार 734 रुपये है, लेकिन समिति के मैनेजर, फड़ प्रभारी और अध्यक्ष से पेमेंट मांगने पर कहा गया कि जहां शिकायत करना हो कर दो हम अभी मजदूरी नहीं देंगे. इससे परेशान होकर उन्होंने मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारी का रुख किया. जहां बलौदाबाजार सहकारी बैंक के जिला नोडल अधिकारी ने मजदूरों की समस्याओं को सुना और तत्काल निराकरण करते हुए 1 हफ्ते के अंदर पेमेंट होने का आश्वासन दिया है. वहीं मजदूरों ने बताया कि इस कोरोना काल में उनका भुगतान नहीं होने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अगर उनको भुगतान समय पर कर दिया जाता तो उनकी समस्याएं दूर हो जातीं.

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कोरोना संकट के मद्देनजर करीब ढाई महीने से लगे लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशानी मजदूरों के हिस्से में आई है. मजदूर देश के अलग-अलग कोने से अपने-अपने गृहराज्य जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े थे. लॉकडाउन ने उनसे उनकी रोजी-रोटी छीन ली. दो वक्त के निवाले के लिए भी वो मोहताज हो गए हैं. कई मजदूर हादसे का शिकार हुए, कई की जानें भी गई. सरकार ने उन्हें अपने घरों तक पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन का संचालन शुरू किया, जिसमें अब तक हजारों मजदूर छत्तीसगढ़ आ चुके हैं. फिलहाल ढाई महीने के बाद अनलॉक-1 के होने से प्रदेश में राहत तो है, लेकिन कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. वर्तमान में छत्तीसगढ़ के सभी जिले यानी पूरे 28 जिले कोरोना की चपेट में आ गए हैं.

Last Updated : Jun 25, 2020, 3:56 PM IST

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