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मनरेगा मजदूर का टूटा पैर, अभी तक नहीं मिली मुआवजे की राशि

जिले में मनरेगा योजना के तहत काम करते समय एक महिला का पैर टूटा गया था. जिसको डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी अभी तक मुआवजा नहीं मिल पाया है. फिलहाल जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने उचित मुआवजा दिए जाने की बात कही है.

मनरेगा में काम करते हुए महिला का पैर टूटा

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Published : Nov 20, 2019, 6:17 PM IST

Updated : Nov 20, 2019, 11:29 PM IST

बलौदा बाजार: मनरेगा योजना के तहत गांव में काम करने के दौरान एक महिला का पैर टूटा गया था. वहीं रोजगार सहायक और सरपंच,सचिव ने पीड़िता को शासन से मुआवजा दिलाने की बात कही थी. लेकिन अब तक मुआवजा नहीं मिलने के कारण महिला बैसाखी के सहारे चलने को मजबूर है.

मनरेगा में काम करते हुए महिला का पैर टूटा

ये है पूरा मामला

दरअसल मामला जिले के कोसम कुंडा गांव का है जहां डेढ़ साल पहले गांव के ही साल्हेवन तालाब में सुमित्रा बाई बंजारे मनरेगा के तहत कार्य करने गई थी. सुमित्रा बताती है कि काम के दौरान मिट्टी उठाने के बाद उनका पैर फिसल गया था जिसमें उनके दोनों पैरों में फ्रैक्चर हो गया, जिसके बाद आनन-फानन में रोजगार सहायक, सचिव और सरपंच ने उचित मुआवजा दिलाने की बात कहकर उनको इलाज के लिए चांपा ले गए. जहां उनका इलाज तो हुआ लेकिन आज तक मुआवजे की राशि नहीं मिल पायी है.मुआवजा नहीं मिलने के कारण सुमित्रा बाई कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर है.

पीड़िता ने बयां किया दर्द

सुमित्रा बाई ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर जनदर्शन में कई बार आवेदन दिया है. साथ ही अधिकारी और गांव के सरपंच, सचिव को बार-बार अवगत करा चुकी हैं. लेकिन अभी तक उनको मुआवजे की राशि नहीं मिल पाई है.

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जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी का कहना है कि उनका चिकित्सा प्रमाण पत्र डेंटल की ओर से बनाया गया है. इस कारण वह प्रमाण पत्र मान्य नहीं किया जा रहा है. अधिकारी ने यह भी बताया कि उनको अभी जिला अस्पताल से प्रमाण पत्र बनवाने को कहा गया है जैसे ही उनका प्रमाण पत्र पेश किया जाएगा उनको उचित मुआवजा दे दिया जाएगा.

Last Updated : Nov 20, 2019, 11:29 PM IST

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