बलौदाबाजार :छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में गांवों में औद्योगिक केंद्र रीपा की स्थापना की है.ताकि गांवों में रोजगार में मार्ग खुले.साथ ही साथ स्वसहायता समूह की महिलाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी की.जिले के अंदर 8 रीपा केंद्रों की स्थापना हो रही है. लेकिन जब ETV भारत की टीम जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के जनपद पंचायत भाटापारा के ग्राम गुड़ेलिया पहुंची तो वहां का नजारा कुछ और था.रीपा केंद्र के निर्माण में लाल ईंटों का इस्तेमाल किया जा रहा था. जबकि पर्यावरण संरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शासकीय निर्माणों में लाल ईटों के इस्तेमाल पर 2012-13 में प्रतिबंध लगाया गया है. 10 साल बाद भी प्रतिबंध का जिले में कोई असर नहीं है.शासकीय निर्माण कार्य धड़ल्ले से अवैध रूप से लाल ईटों किया जा रहा है.
लाल ईंटों का इस्तेमाल है प्रतिबंधित :पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए सुप्रीमकोर्ट के आदेश अनुसार शासन के सभी शासकीय निर्माण कार्यों में फ्लाई ऐश ईंट का उपयोग किया जाने का सख्त निर्देश दिया था. इसके बाद भी सरकारी निर्माण कार्यों में आज भी विश्व चर्चित योजना महात्मा गांधी रूलर इंडस्ट्रियल पार्क में गौठनों में लाल ईट से निर्माण किया जा रहा है. जिला पंचायत सीईओ गोपाल वर्मा गौठानों का निरीक्षण तो कर रहे हैं.लेकिन समझ में ये नहीं आ रहा कि लाल ईंटों का निर्माण उनकी आंखों को दिख क्यों नहीं रहा.