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टूटेगी दशकों की परंपरा: नहीं आयोजित होगा तुरतुरिया का प्रसिद्ध मेला - Turturia fair canceled due to Corona virus infection

बलौदाबाजार जिले के तुरतुरिया में लव-कुश की जन्मस्थली है. राम वन गमन पथ में इसे शामिल किया गया है. कई दशकों से यहां पारंपरिक मेला लगा करता था, लेकिन इस साल जनपद पंचायत कसडोल के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की ओर से मेले को रद्द कर दिया गया है. कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए फैसला लिया गया है.

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नहीं आयोजित होगा तुरतुरिया का प्रसिद्ध मेला

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Published : Jan 14, 2021, 5:10 AM IST

Updated : Jan 14, 2021, 7:22 AM IST

बलौदाबाजार: राम वन गमन पथ में शामिल लव-कुश की जन्मस्थली तुरतुरिया में हर साल मेले का आयोजन होता है, लेकिन इस साल कोरोना महामारी के कारण इसका आयोजन नहीं होगा. जनपद पंचायत कसडोल के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने आदेश जारी कर कहा है कि इस बार 27 जनवरी 2021 से 29 जनवरी 2021 तक होने वाले तुरतुरिया मेला को रद्द किया जाता है. हर साल पौष पूर्णिमा (छेरछेरा) को मेला लगता है, जिसमें पूरे देश से हजारों की संख्या में लोग आते हैं.

नहीं आयोजित होगा तुरतुरिया का प्रसिद्ध मेला

जनपद पंचायत कसडोल के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने कोविड-19 महामारी के संक्रमण के चलते लोक हित में फैसला लेने का निर्णय लिया है. इस दौरान किसी प्रकार के पंडाल, दुकान, सर्कस, सिनेमा, साइकिल स्टैंड, होटल, ठेला लगाने को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है. इस संबंध में ग्राम पंचायत में मुनादी कराकर सभी को सूचित किया गया है.

व्यापारियों में गम का माहौल

जनपद पंचायत कसडोल के लिए गए इस निर्णय को लेकर व्यापारियों में काफी गम का माहौल है, क्योंकि छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्व छेरछेरा पर तुरतुरिया में एक बड़े मेले का आयोजन होता था. पिछले साल मेले में काफी भीड़ जुटी थी. व्यापारियों को काफी फायदा भी हुआ था, लेकिन संक्रमण के चलते अब मेले को रद्द कर दिए जाने से व्यापारियों में निराशा है.

पढ़ें:लव-कुश की जन्मस्थली मानी जाती है छत्तीसगढ़ की ये जगह

तीन दिन का मेला हर साल

यहां से प्राप्त शिलालेखों की लिपि से ऐसा अनुमान लगाया गया है कि यहां से प्राप्त प्रतिमाएं 8वीं, 9वीं शताब्दी की हैं. हर साल पौष माह में यहां तीन दिवसीय मेला लगता था. बड़ी संख्या में श्रध्दालु यहां आते रहे हैं. धार्मिक और पुरातात्विक स्थल होने के साथ-साथ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण भी यह स्थल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है.

तुरतुरिया की खास बात

बलौदाबाजार से 29 किमी दूर कसडोल तहसील से 12 और सिरपुर से 23 किमी की दूरी पर ये स्थित है. इसे तुरतुरिया के नाम से जाना जाता है. यह स्थल प्राकृतिक दृश्यों से भरा हुआ है. ये एक मनोरम स्थान है, जो पहाड़ियों से घिरा हुआ है. इसके समीप ही बारनवापारा अभयारण्य भी स्थित है. जनश्रुति है कि त्रेतायुग में महर्षि वाल्मीकि का आश्रम यहीं पर था. लवकुश की यही जन्मस्थली थी.

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राम वनगमन पथ में शामिल है तुरतुरिया

राम वन गमन पथ में शामिल स्थलों के विकास के लिए राज्य सरकार ने प्रथम चरण में कसडोल तहसील के तुरतुरिया को शामिल किया है. तुरतुरिया स्थित वाल्मीकि आश्रम भगवान श्रीराम के पुत्र लव एवं कुश का जन्मस्थली है. राम वनगमन पथ में शामिल होने के बाद यहां श्रध्दालुओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है.

Last Updated : Jan 14, 2021, 7:22 AM IST

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