बलौदाबाजार:धान खरीदी केन्द्रों में लगातार बारदाने की समस्या सामने आ रही है. इस कारण कई केंद्रों में धान खरीदी बंद हो गई है. दूसरी ओर लगातार कालाबाजारी की शिकायतें भी सामने आ रही हैं. वहीं व्यापारी भी एक बारदाने की कीमत 30 से 35 रुपए तक वसूल रहे हैं. खरीदी केन्द्रों में किसानों को दो किस्त में 15 रुपए खाते में आने की बात कही जा रही है, जिससे किसान दोहरी मार झेल रहे हैं.
किसान लगा रहे मदद की गुहार छत्तीसगढ़ के किसान शासन के नियमों के कारण व्यापारियों के आगे मजबूर दिखाई दे रहे हैं. जो बारदाने बाजार में 10 से 15 रुपए में किसानों को मिलते थे, अब वह 30 से 35 रुपये में बिक रहा है. बारदाने की कमी से कालाबाजारी करने वाले व्यापारी अपने जेब भर रहे हैं, लेकिन किसान की परेशानी समझने वाला कोई नहीं है. मजबूरन किसान को दोगुने कीमत पर बारदाना खरीदना पड़ रहा है.
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बारदाने की पूर्ति की जा रही: केशव कर्ष
जिला विपणन अधिकारी केशव कर्ष का कहना है कि जिले के जिस भी उपार्जन केन्द्रों से बारदाने की मांग की जाती है, उसकी पूर्ति की जा रही है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन जिले में 1 लाख 84 से 85 हजार क्विंटल धान खरीदी हो रही है. वर्तमान में 14 लाख 78 हजार बारदाने किसानों से खरीदा जा चुका है. कालाबाजारी को लेकर जिला विपणन अधिकारी ने किसी भी बात की जानकारी होने से इंकार किया.
'कालाबाजारी रोकने का प्रयास जारी'
भाटापारा एसडीएम इन्द्रा देवहरी ने बारदाने की कीमत में हुई बढ़ोतरी को माना है. उन्होंने कहा कि व्यापारियों को समझाइश दी जाएगी कि किसी प्रकार से कालाबाजारी न हो.
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'जिला अधिकारी और ब्लॉक अधिकारी में नही है तालमेल'
जिला विपणन अधिकारी के अनुसार जिले में किसानों को बारदाने की कमी नहीं है, लेकिन एसडीएम ने बारदाने में काला बाजारी की बात से इंकार नहीं किया. वहीं एसडीएम ने भी समझाइश देने की बात कही. सबके बयानों से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला अधिकारी, ब्लॉक अधिकारियों के बीच तालमेल सही नहींं है. जिसका हर्जाना किसानों को भुगतना पड़ रहा है.
बारदाना उपलब्ध कराने की पीछे सियासत
बारदाने की समस्या पर भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा भूपेश सरकार को किसान विरोधी बता रहे तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक शकुंतला साहू बारदाने की कमी के लिए कोरोना महामारी की दुहाई देते नजर आए. लेकिन किसानों की समस्या को समझने वाला कोई नहीं है.
कई जिलों में बारदाने की कमी
- जांजगीर-चांपा जिले के कई धान खरीदी केंद्रों में बारदानों की कमी और धान का उठाव नहीं होने की वजह से धान खरीदी बंद हो गई है.
- बेमेतरा में किसान नेता ने बारदाने की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन के जरिए उन्होंने जल्द समस्या सुलझाने की बात कही है.
- राजनांदगांव में धान खरीदी केंद्रों में धान का उठाव नहीं होने से पहले ही व्यवस्था चरमराई हुई है. अब बारदाने की कमी ने समितियों की मुसीबत बढ़ा दी. स्थिति ये है कि क्षेत्र की ज्यादातर समितियों ने अब धान खरीदी बंद करने का फैसला लिया है.