बलौदाबाजार:छत्तीसगढ़ पंचायत सचिव संघ के आह्वान पर जिले के पंचायत सचिव हड़ताल पर बैठे हुए हैं. छत्तीसगढ़ पंचायत सचिव के प्रांताध्यक्ष तुलसी साहू ने सोमवार को बलौदाबाजार में प्रेसवार्ता किया. इस दौरान उन्होंने मांग पूरी नहीं होने पर बूढ़ा तालाब रायपुर में पूरे प्रदेश के सचिवों के भूख हड़ताल किए जाने की चेतावनी दी है. छत्तीसगढ़ में 2 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके पंचायत सचिव शासकीयकरण की मांग को लेकर 26 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं.
पंचायत सचिवों की प्रेस कॉन्फ्रेंस पढ़ें-शासकीयकरण की मांग को लेकर पंचायत सचिवों ने दी आत्मदाह की चेतावनी
तुलसी साहू ने बताया कि पूरे प्रदेश में 21 हजार पंचायत सचिव है, जिनकी नियुक्ति 1995 में हुई थी. जो महज 500 रुपये माह में काम किये हैं. आज पूरे 21 हजार सचिवों के परिवार का भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है. कोरोना काल में 28 पंचायत सचिवों की कर्तव्यों का पालन करते हुए मौत हो गई, लेकिन सरकार उनके परिवार से मिलने तक नहीं गई. साहू ने कहा कि शिक्षाकर्मियों का आज शासकीयकरण कर जो कार्य किया है वैसे ही पंचायत सचिवों का भी शासकीयकरण करना चाहिए, जिससे की हम परिवार का भरण पोषण कर सकें.
आंदोलन वापस लेने से किया इंकार
पूरे प्रदेश में पंचायत सचिवों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य पूरी तरह से चरमरा गई है. करारोपण अधिकारी को 20-30 पंचायतों को कार्यभार दिया गया, लेकिन वह 2 दिन में ही अपना हाथ समेट लिया है और पंचायत सचिवों के हड़ताल का समर्थन कर दिया. अब देखना है कि सरकार पंचायत सचिवों की मांग को पूरा करती है या उनके उम्मीदों पर पानी फेर दिया जाएगा. बहरहाल पंचायत सचिव संघ आंदोलन को वापस लेने से साफ इंकार कर रही है.