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SPECIAL: यहां है कबीरपंथियों की आस्था का बड़ा केंद्र, दीवार पर उकेरी गई है जीवनी

कबीर के सत्य, ज्ञान, मानवतावादी सिंद्धांतों पर आधारित दामाखेड़ा में कबीर मठ की स्थापना 1903 में कबीरपंथ के 12वें गुरु उग्रनाम साहब ने की थी. तब से दामाखेड़ा कबीर पंथियों के तीर्थ स्थालों के रूप में प्रसिद्ध है.

कबीरदास जयंती

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Published : Jun 17, 2019, 2:36 PM IST

Updated : Jun 17, 2019, 4:18 PM IST

बलौदा बाजार: आज कबीर जयंती है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पास कबीर पंथियों का तीर्थ स्थल है. यहां देश-दुनिया से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. कबीरपंथियों के लिए दामाखेड़ा आस्था का बड़ा केंद्र है.

यहां है कबीरपंथियों की आस्था का बड़ा केंद्र, दीवार पर उकेरी गई है जीवनी

रायपुर-बिलासपुर सड़क मार्ग पर सिगमा से 10 किमी की दूरी पर एक छोटा सा गांव है. यह कबीरपंथियों की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है. कबीर के सत्य, ज्ञान, मानवतावादी सिंद्धांतों पर आधारित दामाखेड़ा में कबीर मठ की स्थापना 1903 में कबीरपंथ के 12वें गुरु उग्रनाम साहब ने की थी. तब से दामाखेड़ा कबीर पंथियों के तीर्थ स्थलों के रूप में प्रसिद्ध है.

दामाखेड़ा के बारे में जानिए-

  • वैसे तो छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर कबीर आश्रम हैं. लेकिन दामाखेड़ा का कबीर आश्रम बेहद पवित्र और प्रमुख माना जाता है. इसी आश्रम से सभी आश्रमों की गतिविधियां संचालित होती हैं.
  • समाधि मंदिर में कबीर साहब की जीवनी को बड़े ही मनमोहक एवं कलात्मक ढंग से दीवारों में नक्काशी कर उकेरा गया है. कबीर साहब के प्रगट स्थल की जीवंत झांकी यहां पर श्रद्धालु देखने के लिए दुनियाभर से आते हैं.
  • समाधि मंदिर के मध्य में वंशगुरु उग्रनाम और गुरु माताओं की समाधियां स्थित हैं. इसके साथ ही यहां पर कबीर पंथ के प्रथम वंश गुरु मुक्तामणि नाम साहब का मंदिर बना हुआ है.
  • इसके ठीक सामने कबीर पंथ का प्रतीक सफेद ध्वज संगमरमर के चबूतरे पर लहरा रहा है. श्रद्धालु यहां माथा टेकते हैं. पंथ और अनुयायियों की यह तीर्थ स्थली विश्व प्रसिद्ध है.
  • कबीर मठ की स्थापना उग्रनाम साहेब ने की थी. दामाखेड़ा, कबीरपंथियों की महत्वपूर्ण गद्दी में से है, जबकि कुदुरमाल में कबीरदास जी के प्रमुख शिष्य धरमदास के पुत्र चुड़ामनदास एवं अन्य दो गुरुओं की समाधियां हैं.
  • मेले के अवसर पर यहां अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के साथ कबीर पंथ में दीक्षित भी किया जाता है. यहां पर दीवारों में कबीरदास की जीवनी उकेरी गई है.

दामाखेड़ा कैसे आएं, कहां रहें-

  • हवाई यात्रा से: रायपुर सबसे पास हवाई अड्डा है, जो मुंबई, दिल्ली, नागपुर, हैदराबाद, कोलकाता, बेंगलुरु, विशाखापट्नम और चेन्नई से जुड़ा हुआ है।
  • रेल मार्ग- हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग पर रायपुर सबसे पास रेलवे जंक्शन है.
  • सडक़ मार्ग- रायपुर से दैनिक बस सेवा एवं टैक्सियां उपलब्ध हैं.
  • यहां से सिगमा 10 किमी और रायपुर शहर 57 किमी है. यहां उच्च स्तरीय होटल ठहरने के लिए उपलब्ध हैं.
Last Updated : Jun 17, 2019, 4:18 PM IST

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