बलौदाबाजार:बस्तर दशहरा के बाद बलौदाबाजार के बिलाईगढ़ का दशहरा पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है. इस दशहरा को राजशाही दशहरा के रूप में जाना जाता है. यह दशहरा 150 साल पुरानी पंरपरा को समेटे हुए है और इस साल राजशाही दशहरा महोत्सव 9 अक्टूबर को होगा. जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम शामिल होंगे.
5 पीढ़ियों से नहीं किया गया रावण दहन
बिलाईगढ़ का राजशाही दशहरा 5 पीढ़ियों से चला आ रहा है. यहां परंपराओं का निर्वहन करते हुए आदिवासियों ने आज तक रावण दहन नहीं किया. 150 साल पुरानी रावण दहन नहीं करने की परंपरा आज भी उसी तरह पूरी की जाती है.
15 दिन पहले से की जाती है खेलों की तैयारी
बिलाईगढ़ में महल से दो किलोमीटर की दूरी में एक रैनी भाटा मैदान है. इस मैदान में महाराजाओं के जमाने में युद्ध हुआ करता था और युद्ध में जिसकी भी जीत होती थी महाराज उसे सम्मानित करते थे.
वह परंपरा आज भी चली आ रही है. लेकिन आज युद्ध की जगह खेलों का आयोजन किया जाता है. इस खेल में भाग लेने और जीतने के लिए 40 किलोमीटर के दायरे से लोग आते हैं और 15 दिन पहले से ही खेलों की तैयारी करते रहते हैं. यहां खासकर तीरंदाजी का खेल सबसे ज्यादा प्रचलन में है.
राजपरिवार ने अनुदान लेने से किया था मना
वैसे तो यहां के दशहरा में प्रदेश के बड़े-बड़े मंत्री का आना-जाना लगा रहता है. इसके पहले भी प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह शामिल हो चुके हैं और उस समय रमन सिंह ने घोषणा किया था कि यहां के दशहरा के लिए वो शासन की तरफ से अनुदान देंगे, लेकिन राजपरिवार ने अनुदान लेने से मना कर दिया था.