बलौदाबाजार: शहर में एक ऐसा परिवार है जिस परिवार के सभी सदस्यों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित (national award) किया गया है. भाई-बहन ने नेशनल लेवल पर टेबल सॉकर खेल (table soccer game) में मैडल जीता. तो वहीं पलको को शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय समता साहित्य अकादमी (Rashtriya Samta Sahitya Akademi) ने इन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है. कसडोल के रहने वाले इस परिवार ने जिले का नाम ऊंचा किया है. कसडोल SDM ने इस होनहार परिवार को सम्मानित कर उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी है.
कसडोल के बंजारे परिवार ने जिला ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश का मान बढ़ाया है. बंजारे परिवार के मुखिया डॉ. राजकुमार बंजारे पेशे से शासकीय डॉक्टर हैं. जिला आयुष विंग के प्रभारी हैं और उनकी पत्नी मंजुलता बंजारे शासकीय स्कूल में टीचर हैं. जों बालिकाओं के शिक्षा स्तर को बढ़ाने और शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए पिछले 8 साल से सभी टॉपर बालिकाओं को नगद पुरस्कार से सम्मानित कर रही हैं. उनका मानना है कि ऐसा करने से छात्राओं में कॉम्पिटिशन की भावना बढ़ेगी. पढ़ाई-लिखाई में भी अपना बेस्ट प्रदर्शन करते रहेंगे. मंजुलता अब तक 250 से ज्यादा बालिकाओं को पुरस्कृत कर उनका हौसला बढ़ा चुकी हैं.
जनहित के कार्यो में सहयोग कर रहे डॉ. बंजारे
परिवार के मुखिया डॉ. राजकुमार बंजारे भी शासकीय काम के अलावा सामाजिक और जनहित कार्यो में पिछले 25 सालो से अपना योगदान दे रहे हैं. जिसके लिए उन्हें कई बार जिला और राज्य स्तर पर सम्मानित भी किया है. इसके अलावा पिछले 2 सालो में कोविड के दौरान अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए वो चर्चा में भी रहे है. डॉ. बंजारे लगातार कोरोना महामारी के दौरान अलग-अलग विभागों में सहयोग करते हैं. वर्तमान में वे आयुष विंग (ayush wing) के प्रभारी और जिले के सभी होम आइसोलेशन (home isolation) के मरीजों की मॉनिटरिंग का जिम्मा संभाल रहे हैं. इसके अलावा 3 और विभागों का प्रभार भी संभाल रहे हैं. जिसे डॉ. बंजारे बिना थके और बिना रुके निभा रहे हैं.